ऑप्शन ट्रेडिंग की 10 बेस्ट टिप्स – जिनसे प्रॉफिट बढेगा और लॉस घटेगा!

Option Trading Tips in Hindi: सभी ऑप्शन ट्रेडर जानते हैं कि ऑप्शन ट्रेडिंग में खरीदे गए कॉल और पुट ऑप्शन के प्रीमियम के प्राइस किसी शेयर के प्राइस की तुलना में अधिक तेजी से ऊपर नीचे जाते हैं। मतलब शेयर मार्केट में स्टॉक के मूल्य में उतनी तेजी से मूवमेंट नहीं होती है जितनी तेजी से ऑप्शंस के prices में उतार-चढ़ाव होता है।

ऑप्शंस के प्रीमियम की कीमतों में इतनी तेजी से उतार-चढ़ाव होने के कारण ही बहुत सारे नए ट्रेडर्स को ऑप्शन ट्रेडिंग में नुकसान होता है। इसके अलावा कुछ लोग स्टॉप लॉस लगाना भूल जाते हैं जिस कारण उनका पूरा पैसा कुछ ही मिनटों में साफ हो जाता है।

नए ऑप्शन ट्रेडर्स ऐसी ही बहुत सारी गलतियां करते हैं जिनके कारण उन्हें ऑप्शन ट्रेडिंग में नुकसान होता है।

आज मैं आपको नुकसान से बचने के लिए कुछ ऐसी ऑप्शन ट्रेडिंग टिप्स बताने वाला हूं जिन्हें फॉलो करके आप ऑप्शन ट्रेडिंग में अपने नुकसान को कम कर सकते हैं और प्रॉफिट को बढ़ा सकते हैं।

इस पोस्ट में आप जानेंगे-

बेस्ट ऑप्शन ट्रेडिंग टिप्स

option trading tips in hindi
ऑप्शन ट्रेडिंग टिप्स इन हिंदी

अगर आप नीचे बताए गए सभी ऑप्शन ट्रेडिंग टिप्स को फॉलो करते हैं तो मुझे पूरा विश्वास है कि ऑप्शन ट्रेडिंग में आपका नुकसान बिल्कुल ना के बराबर हो जाएगा जबकि प्रॉफिट होने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी।

आइए अब सभी टिप्स के बारे में एक-एक करके जान लेते हैं–

1. ऑप्शन ट्रेडिंग में कॉल और पुट दोनों ऑप्शन्स खरीदें

सबसे पहली ऑप्शन ट्रेडिंग tip है कॉल और पुट ऑप्शंस को एक साथ खरीदना। इसे आप टिप समझे या एक ऑप्शन स्ट्रेटजी लेकिन यह टिप आपके जोखिम को कम कर देगी।

ध्यान रहेयह टिप केवल तभी काम करेगी जब मार्केट बहुत ज्यादा volatile हो मतलब या तो मार्केट उस दिन बहुत ज्यादा ऊपर जाना चाहिए या फिर बहुत ज्यादा नीचे जाना चाहिए sideways मार्केट होने वाली है इतनी अच्छी तरीके से काम नहीं करती है।

इस स्ट्रेटेजी के अनुसार, अगर आप बैंकनिफ्टी में ऑप्शन ट्रेडिंग करते हैं तो बैंक निफ्टी के करंट स्ट्राइक प्राइस से समान दूरी पर कॉल और पुट ऑप्शन समान quantity में खरीद लें।

लेकिन याद रखिए दोनों ऑप्शंस के प्राइस और क्वांटिटी लगभग समान होनी चाहिए ताकि आपका इन्वेस्टमेंट कॉल और पुट दोनों ऑप्शंस में बराबर रहे।

ऐसा करने से चाहे मार्केट बहुत ज्यादा बढ़ जाए या फिर बहुत ज्यादा गिर जाए दोनों ही स्थितियों में आपको फायदा होगा लेकिन कैसे?

मान लीजिए आपने बैंक निफ्टी का 100 रुपये का CE और 100 रुपये का ही PE खरीदा। जैसा कि आपको पता है कि बैंक निफ्टी मे लोट साइज 25 का होता है इसलिए आपका कॉल और पुट दोनों साइड इन्वेस्टमेंट 100×25 = 2500 लगा होगा मतलब दोनों में टोटल इन्वेस्टमेंट 5000 रुपये होगा।

अब मान लीजिए अगर बैंक निफ्टी उस दिन काफी ऊपर चला जाता है तो कॉल ऑप्शन में आपको फायदा होगा और पुट ऑप्शन में नुकसान होगा।

अगर मार्केट बहुत ज्यादा बढ़ने से आपका CE यानी कॉल ऑप्शन 100 से बढ़कर 400 हो गया मतलब 4 गुना हो गया तो आपको बहुत ज्यादा फायदा होगा। जाहिर सी बात है आपका पुट ऑप्शन ऐसी स्थिति में बहुत नीचे आ गया होगा मान लीजिए अगर वह जीरो भी हो जाता है तब भी आपको नुकसान नहीं होगा क्योंकि पुट ऑप्शन में आपने केवल 2500 रुपये लगाए थे।

और अब कॉल ऑप्शन का प्राइस 4 गुना होने से उसमें लगाया गया आपका 2500 रुपये भी चार गुना हो जाएगा मतलब कुल 10000 रुपये

इसमें से अगर पुट ऑप्शन में हुआ पूरा नुकसान 2500 rs निकाल दें तो भी आपको 7500 रुपये का प्रॉफिट होगा।

यह ऑप्शन स्ट्रेटजी 90% समय काम करती है। यहां पर आपको यह समझना चाहिए कि यह स्ट्रेटेजी इसीलिए काम करती है क्योंकि कॉल या पुट ऑप्शन में आपके नुकसान होने के चांसेस केवल उतने ही है जितने आपने पैसे लगाए हैं जबकि प्रॉफिट होने के चांसेस अनलिमिटेड है क्योंकि मार्केट कितना भी ज्यादा ऊपर या नीचे जा सकता है।

ऐसे में आपका एक ऑप्शन पूरी तरह से जीरो हो जाएगा लेकिन जो दूसरा ऑप्शन होगा उससे इतना फायदा होगा कि वह आपके पहले loss वाले ऑप्शन की कीमत का कई गुना होगा।

दोस्तों यह ऑप्शन ट्रेडिंग टिप अपनाकर आप अपने जोखिम को बिल्कुल ना के बराबर कर सकते हैं और मुनाफे को बहुत तेजी से बढ़ा सकते हैं।

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चलिए बढ़ते हैं दूसरे ऑप्शन ट्रेडिंग टिप्स पर–

2. VIX को समझकर ही ऑप्शन ट्रेडिंग करें

दूसरी टिप यह है कि आपको यह समझना होगा कि अगर किसी buyer और seller को यह नहीं पता होगा कि बाजार में वोलैटिलिटी कैसी है और इसके कारण ऑप्शंस के प्रीमियम कैसे ऊपर-नीचे होते हैं तो आपको ऑप्शन ट्रेडिंग में बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है।

इसीलिए जब भी आप ऑप्शंस में ट्रेड करें तो मार्केट में कितनी वोलैटिलिटी है उसे जरूर चेक कर लें इससे आपको पता चलेगा कि आज मार्केट में कितना पैसा लगाना है मतलब कितना जोखिम लेना चाहिए।

इसीलिए एक बार VIX (Volatility Index) जरूर चेक कर लें इससे आपको मार्केट की वोलैटिलिटी का पता चल जाएगा।

VIX चेक करने के लिए गूगल पर जाकर vix सर्च करें आपको इसका चार्ट दिख जाएगा.

3. ऑप्शंस को खरीदने या बेचने का निर्णय जल्दी करें

तीसरी टिप यह है कि आप ऑप्शंस को चाहे कम प्रॉफिट पर बेच दें लेकिन उसे नुकसान में मत बेचें, आपको इसी माइंडसेट के साथ ट्रेडिंग करनी चाहिए। लेकिन इसके लिए आपको ऑप्शन्स को खरीदने या बेचने का निर्णय बहुत जल्दी करना होगा।

क्योंकि अगर आप देर लगाते हैं तो आपके खरीदे गए ऑप्शन प्रीमियम की कीमत कुछ ही सेकंड में आपके खरीदे गए प्राइस तो बहुत ज्यादा ऊपर या नीचे चली जाती है इसीलिए आपको सोचने में ज्यादा समय बर्बाद नहीं करना है अगर थोड़ा सा भी प्रॉब्लम हो रहा है तो उसे बुक कर ले और अगले ट्रेड का इंतजार करें।

बहुत सारे ट्रेडर्स चार्ट पर जब अपने ऑप्शंस का प्राइस बढ़ता हुआ देखते हैं तो बड़ी ही उन्हें प्रॉफिट हो रहा हो लेकिन वह उसे बुक नहीं करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि थोड़ा और प्रॉफिट हो जाए उसके बाद sell करूगां लेकिन अचानक से जब मार्केट गिरना चालू होता है तो फिर आपको नुकसान में उसे ऑप्शन को बेचना पड़ता है।

आप को समझना होगा कि शेयर मार्केट में कभी भी कुछ भी हो सकता है और कोई भी नेगेटिव खबर आने की वजह से आपके प्रीमियम के प्राइस कुछ ही सेकंड में आपका पूरा पैसा डूबा सकते हैं।

इसलिए इस ऑप्शन ट्रेडिंग टिप्स को जरूर फॉलो करें ताकि आप नुकसान से बच सकें और मुनाफा कमा सकें।

4. ऑप्शंस को एवरेज करने की बजाए स्ट्राइक प्राइस बदलें

बहुत सारे नए ट्रेडर्स ऑप्शंस को एवरेज करने की गलती करते हैं मतलब अगर आपके द्वारा खरीदे गए कॉल ऑप्शन का प्रीमियम प्राइस कम हो जाता है तो वह उसे बेचने के बजाय इस उम्मीद से दोबारा खरीद लेते हैं कि शायद अब वह यहां से ऊपर बढ़ेगा और जब वह बढ़ने की बजाए और नीचे चला जाता है तो फिर दोबारा वही गलती दोहराते हैं।

आप को समझना होगा यह एवरेज करने वाली चीज इन्वेस्टिंग में मजबूत फंडामेंटल वाले शेयर या ब्लू चिप कंपनियों पर अप्लाई होती है न कि ऑप्शन ट्रेडिंग में। लेकिन ट्रेडिंग में ऐसी हरकत करने पर आपको तो फिर की बजाए नुकसान ही होगा।

कुछ लोगों ने रसिया यूक्रेन वॉर के दौरान कॉल ऑप्शंस को एवरेज करने की बहुत कोशिश की लेकिन अंत में उन्हें नुकसान ही हुआ क्योंकि नुकसान इतना ज्यादा बढ़ चुका था कि वह सहन नहीं कर पाए और बाद में उन्हें पैनिक में आकर अपने सभी ऑप्शंस sell करने पड़े।

लेकिन अगर आपको पूरा भरोसा है कि आपका खरीदा गया ऑप्शन ऊपर ही जाएगा या फिर नीचे ही जाएगा तो आप उसे एवरेज करने की बजाए स्ट्राइक प्राइस चेंज कर सकते हैं इससे आपका जोखिम काफी हद तक कम हो जाएगा।

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5. इलिक्विड स्टॉक ऑप्शंस में ट्रेड मत करें

हम सभी जानते हैं कि शेयर बाजार में कुछ स्टॉक्स काफी मजबूत हैं जैसे–Dr Reddy, नेस्ले या भारत रसायन आदि। लेकिन अगर इनके ऑप्शंस की बात करें तो उनमें वॉल्यूम या लिक्विडिटी बहुत कम होती है जिसके चक्कर में इनमें spreads बहुत बड़े होते हैं।

जिन लोगों को spreads के बारे में नहीं पता उन्हें बता दूं कि अगर खरीदार 100 रुपये पर बैठा है तो विक्रेता 105 रुपये पर बैठा होता है मतलब अगर आपका stop loss मार्केट ऑर्डर पर लगा है तो 5 rs का तो आपको ऐसे ही फ्री में पैसा देना होगा सामने वाले ऑप्शन ट्रेडर को।

इसीलिए इलिक्विड ऑप्शंस से दूर रहना ही आपके लिए फायदेमंद रहेगा। नुकसान से बचने के लिए इस ऑप्शन ट्रेडिंग टिप्स को जरूर फॉलो करें।

6. डीप ओटीएम ऑप्शन में ट्रेड मत करें

दोस्तों यह ऑप्शन ट्रेडिंग टिप्स हमेशा याद रखना कि Deep OTM यानी बहुत ज्यादा दूर वाले आउट ऑफ द मनी ऑप्शन्स में ट्रेड नहीं करना चाहिए खासकर तब जब मार्केट एक्सपायरी के नजदीक हो।

आपको यह पता होना चाहिए कि मार्केट में हर महीने चार expiry इंडेक्स के लिए आती है जिन्हें हम weekly expiry कहते हैं। आपको पता होगा कि गुरुवार को ऑप्शंस की एक्सपायरी होती है और बुधवार से ही ऑप्शन प्रीमियम के प्राइस तेजी से कम होना शुरू हो जाते हैं।

ऐसे में अगर आप डीप आउट ऑफ द मनी ऑप्शंस खरीद रहे हैं तो जाहिर सी बात है कि वह आपको सस्ते में तो मिलेगें लेकिन उसका time decay यानी थीटा भी उतनी ही तेजी से आपके ऑप्शंस की कीमतों को कम करेगा।

इसीलिए जितनी एक्सपायरी डेट निकट आए उतना ही डीप OTM ऑप्शंस से दूरी बना लेनी चाहिए।

अब कुछ लोग सोच रहे होंगे कि कुछ डीप OTM ऑप्शंस 10 गुना भी तो बढ़ जाते हैं तो हम भी क्यों ना खरीदें… तो आपको बता दूं कि ऐसा सिर्फ कुछ महीनों में एक या दो बार ही होता है मतलब ऐसा होने की संभावना बहुत ही कम होती है जबकि नुकसान की संभावना बहुत ही ज्यादा होती है।

इसीलिए इस प्रकार के ऑप्शंस में ट्रेड ना करना ही बेहतर होगा। मेरा काम है आपको बताना अब आपको यह ऑप्शन ट्रेडिंग टिप फॉलो करना है या नहीं, यह पूरी तरह से आपके ऊपर निर्भर करता है।

7. स्टॉक मार्केट इवेंट से अपडेट रहें

अगर आप ऑप्शंस में ट्रेड करते हैं तो आपको स्टॉक मार्केट में होने वाले बड़े बड़े events के बारे में पता होना चाहिए जैसे किसी साल का बजट आना, RBI की मॉनेटरी पॉलिसी लागू होना, बैंकों के इंटरेस्ट रेट बढ़ना या घटना आदि।

आइये इसका एक उदाहरण देखते हैं– मान लीजिये अगर कोई ऑप्शन विक्रेता है जिसने बहुत सारे पैसों से ऑप्शंस बेच रखे हैं और अगर वह किसी बड़े इवेंट्स या news के बारे में कोई खबर नहीं रखता है

और मान लो अगले दिन रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी का अनाउंसमेंट हो जाता है तो ऐसे में अगर नेगेटिव पॉलिसी आती है तो लोग ऑप्शंस को खरीदने के बजाए अपने होल्ड किए गए पिछले ऑप्शंस भी बेचने लगते हैं जिससे उस ऑप्शन विक्रेता को भारी नुकसान हो सकता है।

इसीलिए शेयर मार्केट की न्यूज़ से थोड़ा बहुत अपडेट रहने की कोशिश करें।

8. ऑप्शंस ट्रेडिंग करते समय लेवरेज को अच्छे से समझें

लिवरेज का मतलब होता है मार्जिन मतलब ऐसा पैसा जो आपको extra दिया जाता है। बहुत सारे लोगों को लगता है कि अगर वह ऑप्शन ट्रेडिंग कर रहे हैं तो उन्होंने तो कोई लेवरेज लिया ही नहीं होता।

लेकिन आपको एक बात समझना होगा कि अगर आप फ्यूचर एंड ऑप्शंस में ट्रेड करते हैं तो आप लेवरेज इंस्ट्रूमेंट ही ट्रेड कर रहे हैं

क्योंकि आप खुद सोच कर देखिए कि जहाँ एक तरफ आप ऑप्शन ट्रेडिंग में 1 लाख रुपये लगाकर किसी स्टॉक की 1000 quanitity खरीद सकते हैं वहीं नॉर्मल डिलीवरी ट्रेडिंग में उसी स्टॉक की 100 quantity भी नहीं खरीद पाएंगे। इसका मतलब है कि ऑप्शन ट्रेडिंग पहले ही एक leverage सेगमेंट है।

इसीलिए लिवरेज को अच्छे से समझें, उसके बाद ही ऑप्शन ट्रेडिंग करें।

9. महीने के शुरुआत और अंत में ऑप्शंस में अधिक ट्रेड मत करें

सबसे आखिरी ऑप्शन ट्रेडिंग टिप यह है कि expiry के पहले और आखिरी हफ्ते में ऑप्शंस ज्यादा नहीं खरीदना चाहिए।

आपको यह पता होना चाहिए कि जब कोई नया महीना शुरू होता है तो ऑप्शन प्रीमियम के प्राइस बहुत ज्यादा होते हैं चाहे वह ITM, ATM या OTM कोई भी हो. इनमें टाइम वैल्यू बहुत ज्यादा रहता है और इसी को देख कर option writers या ऑप्शन विक्रेता इसको खूब sell करता है।

ऐसे में दिक्कत यह है कि जो option trading में beginners हैं उसको कुछ समझ में नहीं आता तो वह थोड़ा पैसा बचाने के चक्कर में दूर का कोई ऑप्शन खरीद लेता है

क्योंकि beginners को यह नहीं पता होता कि काफी सारे ऑप्शन विक्रेता उन ऑप्शन को इसीलिए बेच रहे हैं ताकि नए ट्रेडर्स उनमें फस जाए।

इसीलिए हमेशा ऑप्शंस को कभी भी महीने के एकदम शुरुआत में और एकदम अंत में कभी भी नहीं खरीदना चाहिए।

Must Read: What is ITM ATM OTM options in hindi?

Option Trading Book in Hindi

ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में सबसे आसान भाषा में और उदाहरण के साथ सीखने के लिए आपको नीचे दी गई किताब जरूर पढ़नी चाहिए जो अब तक की ऑप्शन ट्रेडिंग पर लिखी गई सबसे बेस्ट किताब है. नीचे दिए इमेज पर क्लिक करके आप इस किताब को डाउनलोड कर सकते हैं–

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ऑप्शन ट्रेडिंग टिप्स से जुड़े सवाल जवाब

ऑप्शन ट्रेडिंग में लाभ कैसे प्राप्त करें?

लाभ कमाने के लिए आपको ऊपर बताई गई ऑप्शन ट्रेडिंग टिप्स को फॉलो करना चाहिए लेकिन उससे पहले आपको अपने नुकसान को कम करने पर फोकस करना चाहिए। साथ ही आपको जितना हो सके ऑप्शन ट्रेडिंग के बेसिक्स सीखने की कोशिश करना चाहिए जिसके लिए आपको निरंतर अभ्यास करना होगा।

ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए कौन सी टाइमफ्रेम बेस्ट है?

ऐसा कोई निश्चित नहीं हम नहीं है कि आप सरकार में आपको 5 मिनट, 15 मिनट या 1 घंटा टाइम फ्रेम का चार्ट देखना चाहिए. क्योंकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कॉल या पुट ऑप्शंस को कब तक होल्ड करना चाहते हैं।

कॉल या पुट ऑप्शन कैसे चुनें?

अगर आपको लगता है कि मार्केट बढ़ने वाला है तो आपको कॉल ऑप्शन चुनना चाहिए और अगर आपको लगता है कि मार्केट में गिरावट हो सकती है तो आपको पुट ऑप्शन खरीदना चाहिए।

Option Trading Tips in Hindi – Conclusion

मैं उम्मीद करता हूं कि अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग करते हैं तो आपको इस आर्टिकल में बताई गई ऑप्शन ट्रेडिंग टिप्स (Option Trading Tips in Hindi) आपको जरूर उपयोगी लगी होंगी।

अगर आप ऑप्शंस को ट्रेड करते समय इन सभी टिप्स को फॉलो करते हैं तो मुझे पूरा विश्वास है कि ऑप्शन ट्रेडिंग में आप आपने नुकसान को बहुत कम कर सकते हैं और प्रॉफिट को बहुत ज्यादा बढ़ा सकते हैं।

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आप नीचे कमेंट करके बताइए कि आपको ऊपर बताई गई सभी ऑप्शन ट्रेडिंग टिप्स में से कौन सी टिप सबसे ज्यादा पसंद आई?

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