Sensex Meaning in Hindi | सेंसेक्स क्या होता है शेयर बाजार में?

Sensex Meaning in Hindi | Sensex kya hai in hindi| शेयर बाजार में सेंसेक्स क्या होता है | बीएसई सेंसेक्स की जानकारी | सेंसेक्स कैसे काम करता है | सेंसेक्स क्या है | सेंसेक्स में कौन-कौन सी कंपनी आती हैं।

शेयर मार्केट में आपने कभी ना कभी सेंसेक्स (SENSEX) का नाम जरूर सुना होगा लेकिन जब आप सुनते हैं कि आज सेंसेक्स इतने अंक ऊपर चला गया या फिर आज सेंसेक्स इतने अंक नीचे गिर गया,

आपने शेयर बाजार में लोगों को अक्सर कहते सुना होगा कि–

  • आज का सेंसेक्स क्या है,
  • आज का सेंसेक्स कितना है
  • या फिर लाइव मार्केट में आज सेंसेक्स कितने अंक बढ़ा या गिरा

लेकिन यह सब सुनकर एक नए निवेशक को कुछ समझ नहीं आता है कि आखिर ये सेंसेक्स का मतलब क्या होता है?

Sensex meaning in hindi, Sensex kya hai in hindi
Sensex kya hai in hindi | Sensex Meaning in Hindi

अगर आप भी शेयर बाजार में एक नए निवेशक हैं और जानना चाहते हैं कि सेंसेक्स क्या होता है, शेयर बाजार में सेंसेक्स कैसे ऊपर नीचे होता है और यह निफ्टी से कैसे अलग है तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढियेगा।

तो चलिए सबसे पहले सेंसेक्स का अर्थ (Sensex Meaning in Hindi) जान लेते हैं–

इस पोस्ट में आप जानेंगे-

Sensex Meaning in Hindi

सेंसेक्स का अर्थ (meaning) है शेयर मार्केट इंडेक्स। Sensex शब्द Sensitivity और Index दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है।

यह BSE यानी Bombay Stock Exchange का सूचकांक (Index) है. Sensex में इंडिया की टॉप 30 कंपनियों को रखा गया है।

सेंसेक्स क्या होता है – What is Sensex in Hindi?

सेंसेक्स, शेयर बाजार का एक बेंचमार्क इंडेक्स है जो पूरे शेयर मार्केट का हालचाल बताता है। आप सेंसेक्स को देखकर बता सकते हैं कि आज स्टॉक मार्केट ऊपर है या नीचे, मतलब शेयर बाजार बढ़ा हुआ है या डाउन है।

मतलब शेयर बाजार आज कल कैसा चल रहा है इसे दर्शाने का काम सेंसेक्स करता है। इंडियन शेयर मार्केट में केवल दो ही इंडेक्स हैं निफ्टी और सेंसेक्स। सेंसेक्स की तरह निफ्टी भी शेयर बाजार का हाल-चाल बताता है।

इन दोनों में फर्क सिर्फ इतना है कि SENSEX बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का इंडेक्स है जिसमें भारत की टॉप 30 कंपनियां शामिल हैं जबकि Nifty नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का इंडेक्स है जिसमें भारत की टॉप 50 कंपनियां आती हैं।

सेंसेक्स की शुरुआत कब हुई थी?

Sensex की शुरुआत 1 अप्रैल 1979 को हुयी थी। उस समय इसकी base value 100 रखी गई थी और बढ़ते – बढ़ते आज Sensex की वैल्यू 60000 से भी ज्यादा है।

सेंसेक्स की शुरूआत क्यों हुई थी?

जैसा कि आप जानते हैं कि आजकल शेयर को ऑनलाइन खरीदा और बेचा जाता है लेकिन पुराने समय में किसी कंपनी का शेयर खरीदने में काफी परेशानी आती थी।

ऐसा इसलिए था क्योंकि उस समय कोई भी ऑनलाइन सिस्टम मौजूद नहीं था जिसके जरिए हम शेयर की ट्रेडिंग कर सकें तब तक केवल पेड़ के नीचे बैठकर शेयर की नीलामी की जाती थी।

इसी समस्या का समाधान करने के लिए बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी BSE की स्थापना हुई जो आज पूरे एशिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है।

आज जो आप मुंबई में स्थित बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की इतनी बड़ी बिल्डिंग देखते हैं वह हमेशा से ऐसी नहीं थी। जैसे- जैसे वहां पर ज्यादा लोग आने लगे तो पूरे मार्केट का भाव जानने के लिए सेंसेक्स बनाया गया जिसमें भारत की टॉप 30 कंपनियों को शामिल किया गया।

सेंसेक्स कैसे काम करता है?

Sensex meaning in hindi– शेयर बाजार में सेंसेक्स भारत की टॉप 30 कंपनियों का प्रदर्शन बताने का काम करता है। आप सिर्फ इन 30 कंपनियों को देख कर बता सकते हैं कि आज शेयर बाजार ऊपर है या नीचे।

मतलब अगर आज इंडिया की Top 30 कंपनियों में से अधिकतर कंपनियों के शेयर बढ़े हुए हैं तो Sensex इंडेक्स भी ऊपर चला जाएगा मतलब कुछ पॉइंट बढ़ जाएगा।

इसी प्रकार अगर यह कंपनियां अच्छा परफॉर्म नहीं कर रहे हैं तो सेंसेक्स भी नीचे गिर जाएगा।

अब कुछ लोग सोच रहे होंगे कि सेंसेक्स में तो केवल 30 कंपनियां ही शामिल है तो फिर यह पूरे शेयर बाजार का हाल-चाल कैसे बताता है?

सेंसेक्स पूरे शेयर बाजार का हाल-चाल कैसे बताता है?

आपका यह सवाल बिल्कुल जायज है क्योंकि शेयर बाजार में 7000 से भी ज्यादा कंपनियों के स्टॉक्स लिस्टेड हैं तो फिर हम SENSEX (जो केवल इंडिया की टॉप 30 कंपनियों का परफॉर्मेंस दिखाता है) इसको देखकर हम कैसे मान लें कि यह शेयर बाजार का परफॉर्मेंस सही बताता है क्योंकि बाकी कंपनियों का क्या होगा?

तो आपके इस सवाल का जवाब है कि इन टॉप 30 कंपनियों का मार्केट कैप देखें तो बाकी हजारों कंपनीस के मार्केट कैप के बराबर है क्योंकि ये इंडिया की सबसे ज्यादा liquid कंपनियां होती हैं।

  • liquid कंपनी मतलब वह कंपनी जिसमें काफी ज्यादा मात्रा में शेयर्स को खरीदा और बेचा जाता है। और इन कंपनियों के stocks को आप आसानी से खरीद या बेच सकते हैं।

क्योंकि इंडिया में ऐसे बहुत सारे छोटे-मोटे Stocks हैं जिनके शेयर्स को आप खरीद या बेच नहीं सकते हैं तो जब आप इन्हें खरीदने के लिए आर्डर लगाते हैं तो आपका आर्डर पेंडिंग में चला जाता है।

इसीलिए ऐसे सस्ते शेयर या पैनी स्टॉक्स को खरीदने से बचें और हमेशा अच्छी कंपनी में ही अपना पैसा invest करें अगर हो सके तो इन Top 30 कंपनी के ही स्टॉक्स खरीदें।

Sensex में 30 कंपनियों को ही क्यों रखा गया है?

बहुत से निवेशक यह सोचते हैं कि आखिर स्टॉक मार्केट में हजारों कंपनियां होने के बावजूद SENSEX इंडेक्स में केवल 30 कंपनियों के शेयरों को ही क्यों रखा गया है?

तो आपको बता दें कि पूरे शेयर बाजार में NSE और BSE में कुल मिलाकर 7000 से भी ज्यादा कंपनियां लिस्टेड हैं जिनमें से अकेले Sensex के 30 शेयरों का Market Capitalization पूरे बाजार के 55% से भी है।

और यही कारण है कि सेंसेक्स में केवल Top 30 कंपनियां ही रखी गई हैं क्योंकि यही कंपनियां शेयर मार्केट को ऊपर ले जाती है और नीचे भी गिरा देती हैं.

तो अब आप समझ गए होंगे कि निफ़्टी 50 कंपनियां ही क्यों जोड़ी गई हैं। SENSEX के अंदर जो Top 50 कंपनियां शामिल हैं उन्हीं के परफॉर्मेंस के आधार पर तय होता है कि शेयर बाजार बढ़ेगा या गिरेगा।

Sensex में 30 कंपनियों को कौन रखता है?

Sensex meaning in hindi– अब आपके मन में यह सवाल आना चाहिए कि SENSEX के अंदर जो 30 कंपनियों के stocks हैं तो यह निर्णय किसने लिया है कि केवल 30 कंपनियों को ही रखा जाएगा।

क्या शेयर बाजार में कोई अन्य अधिकारी होता है जो यह निर्णय लेता है कि किस index में कितने शेयर रख सकते हैं? अगर हम लॉजिकली देखें तो यह सवाल बिल्कुल जायज है जो एक नए निवेशक के मन में जरूर आता है.

तो आपको बता दें कि SENSEX की कंपनियों को चुनने के लिए एक index commitee का गठन किया गया है जो कि समय-समय पर यह चेक करती रहती है कि किस कंपनी का शेयर Sensex में डालना है और किस कंपनी के शेयर को बाहर निकालना है क्योंकि उसमें केवल 50 शेयर ही रख सकते हैं जिसका निर्णय Sensex की स्थापना के समय ही किया गया था।

तो जब SENSEX में शामिल किसी कंपनी का बिजनेस अच्छा परफॉर्म नहीं करता है तो उसे SENSEX index से बाहर निकाल दिया जाता है और उसकी जगह पर किसी ऐसी कंपनी का शेयर आ जाता है जिसका बिजनेस अच्छा परफॉर्म कर रहा है

लेकिन कौन सा शेयर निकाला जाएगा और कौन सा शेयर इंडेक्स में डाला जाएगा यह चुनना बेहद मुश्किल होता है क्योंकि इसके लिए काफी फैक्टर्स देखे जाते हैं। और इन सभी निर्णयों का फैसला इंडेक्स कमेटी (index commitee) ही करती है।

सेंसेक्स में शेयरों का चयन लिक्विडिटी, ट्रेडिंग वॉल्यूम और industry representation जैसे मानदंडों के आधार पर किया जाता है। सेंसेक्स के लिए उपयोग की जाने वाली base period 1978-79 है और base index value 100 था।

जानियेसेंसेक्स में पैसा कैसे लगाएं?

सेंसेक्स का उदाहरण (Example of Sensex in Hindi)

मान लीजिए अगर कल सेंसेक्स की वैल्यू 60000 पॉइंट थी और आज ग्लोबल बाजार में कोई बुरी खबर आ गई तो उस खबर का असर शेयर बाजार पर भी नेगेटिव दिखाई देगा इसीलिए आज जब शेयर बाजार खुलेगा तो बहुत चांसेस हैं कि सेंसेक्स की वैल्यू भी गिरेगी

मतलब हो सकता है कि SENSEX 60000 से गिरकर 59000 पॉइंट पर आ जाए या उससे भी नीचे चली है

इसी प्रकार अगर वैश्विक बाजार में कोई अच्छी खबर आती है तो सेंसेक्स 60000 से बढ़कर 61000 तक भी जा सकता है।

Reliance Industries, TCS, HDFC Bank, Infosys और हिंदुस्तान युनिलीवर SENSEX की टॉप 30 कंपनियों में से 5 सबसे बड़ी कंपनियां है। इनमें से अकेले रिलायंस इंडस्ट्रीज का पूरे सेंसेक्स इंडेक्स में weitage 10% से भी ज्यादा है।

सेंसेक्स की गणना कैसे की जाती है (How to calculate Sensex in Hindi)

Calculation of Sensex in Hindi– बीएसई सेंसेक्स की गणना “फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइज़ेशन वेटेड” पद्धति का उपयोग करके की जाती है, जहाँ Index का level किसी विशेष base period के सापेक्ष index में सभी शेयरों की कुल market value को दर्शाता है।

सेंसेक्स की गणना के लिए फॉमूला

SENSEX = (Market capitalization of 1st stock / Base market capitalization) × Base index value
+ (Market capitalization of 2nd stock / Base market capitalization) × Base index value
+ …
+ (Market capitalization of 30th stock / Base market capitalization) × Base index value

किसी शेयर के बाजार पूंजीकरण यानी Market capitalization की गणना उसके current price को उसके बकाया शेयरों की संख्या से गुणा करके की जाती है।

उदाहरण के लिए–

सेंसेक्स की गणना कैसे की जाती है नीचे इसका एक अच्छा उदाहरण दिया गया है–

मान लीजिए कि सेंसेक्स में केवल दो स्टॉक हैं और आधार अवधि 1978-79 है जिसका base value 100 है। पहले स्टॉक का बाजार पूंजीकरण 100 करोड़ है और दूसरा स्टॉक 200 करोड़ है। दोनों शेयरों के बकाया शेयरों की संख्या समान है।

सेंसेक्स = (100 करोड़ / (100 करोड़ + 200 करोड़)) × 100 + (200 करोड़ / (100 करोड़ + 200 करोड़)) × 100
= 33.33 + 66.67
= 100

इस उदाहरण में, सेंसेक्स 100 के बराबर है, जिसका अर्थ है कि दोनों शेयरों का कुल बाजार मूल्य base period के सापेक्ष अपरिवर्तित रहा है। हालांकि, सेंसेक्स गणना में प्रत्येक स्टॉक का weightage उसके बाजार पूंजीकरण (market capitalization) पर निर्भर करेगा। इस उदाहरण में, पहले स्टॉक की तुलना में दूसरे स्टॉक का वेटेज अधिक है।

सेंसेक्स को देखकर क्या पता चलता है?

अगर आज सेंसेक्स इंडेक्स कुछ प्रतिशत (%) बढ़ा है तो इसका मतलब है कि शेयर मार्केट में खरीददार (buyers) ज्यादा हैं यानी कि लोग शेयर बाजार में bullish हैं मतलब निवेशक स्टॉक मार्केट को लेकर पॉजिटिव है।

वहीं दूसरी ओर अगर किसी दिन सेंसेक्स इंडेक्स कुछ प्रतिशत (%) नीचे चला जाता है तो इसका मतलब है कि शेयर मार्केट में विक्रेता (sellers) ज्यादा हैं यानी कि लोग शेयर बाजार में bearish हैं मतलब निवेशक स्टॉक मार्केट को लेकर नेगेटिव है।

अगर Sensex इंडेक्स कुछ दिनों तक लगातार ऊपर जाता रहता है तो इसका मतलब है कि Bull Market चल रहा है और अगर सेंसेक्स इंडेक्स कुछ दिनों तक लगातार नीचे जाता रहता है तो इसका मतलब है कि Bear Market चल रहा है।

सेंसेक्स कैसे घटता या बढ़ता है?

आप जानते होंगे कि रोज शेयर बाजार में सेंसेक्स की वैल्यू ऊपर नीचे होती रहती है लेकिन आखिर ऐसा क्यों होता है मतलब वह कौन कौन से कारण होते हैं जो सेंसेक्स को ऊपर नीचे करते रहते हैं आइए इन्हीं कारणों के बारे में जान लेते हैं–

सेंसेक्स कब बढ़ता है?

सेंसेक्स तब बढ़ता है जब–

  • शेयर मार्केट में sellers की तुलना में buyers ज्यादा हैं
  • निवेशक शेयर बाजार को लेकर पॉजिटिव है
  • कंपनियां अच्छा परफॉर्म कर रही हैं
  • देश की इकॉनमी बढ़िया चल रही है
  • वैश्विक बाजारों में कोई अच्छी न्यूज़ आती है
  • जब देश का बजट अच्छा आता है।

सेंसेक्स कब घटता है?

सेंसेक्स तब गिरता है या घटता है जब–

  • शेयर मार्केट में buyers की तुलना में sellers ज्यादा हैं
  • निवेशक शेयर बाजार को लेकर नेगेटिव है
  • कंपनियां बेकार परफॉर्म कर रही हैं
  • देश की इकॉनमी down चल रही है
  • ग्लोबल मार्केट में कोई नेगेटिव news आती है
  • जब देश का बजट आम जनता को पसंद नहीं आता है।

सेंसेक्स और निफ्टी में क्या अंतर है?

Difference Between Nifty and Sensex meaning in hindi– सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही बाजार सूचकांक हैं लेकिन फिर भी इन दोनों में कुछ अंतर हैं जैसे–

  • Sensex में इंडिया की टॉप 50 कंपनियों को रखा गया है जबकि Nifty में टॉप 30 कंपनियों को रखा गया है।
  • सेंसेक्स NSE यानी National Stock Exchange का इंडेक्स है जबकि निफ्टी BSE यानी Bombay Stock Exchange का इंडेक्स है।
  • SENSEX का Full Form यानी पूरा नाम National Stock Exchange Index है जबकि NIFTY का Full Form (पूरा नाम) Sensitivity Index है क्योंकि यह मार्केट के सेंटीमेंट को दर्शाता है।

सेंसेक्स में कौन-कौन से सेक्टर्स के शेयर शामिल है?

Sensex index में इंडिया के 12 सेक्टर्स के 50 कंपनियों के stocks को शामिल किया गया है। और इन्हीं 12 सेक्टर की कंपनियां सेंसेक्स में रखी गई है।

इन 12 sectors के नाम नीचे दिए गए हैं–

  1. Financial services (Banking Sector)
  2. Internet Technology (IT Sector)
  3. Energy (Oil, Gas, Fuel)
  4. Fast Moving Consumer Goods (FMCG Sector)
  5. Automobile
  6. Metals & Mining
  7. Healthcare
  8. Custruction
  9. Consumer durables
  10. Telecommunication
  11. Power
  12. Chemical

सेंसेक्स में पैसा कैसे इन्वेस्ट करें – सेंसेक्स में ट्रेडिंग कैसे करें?

अगर आपका भी है प्रश्न है कि सेंसेक्स में पैसा कैसे लगाएं, सेंसेक्स कैसे खरीदा जाता है या सेंसेक्स में निवेश कैसे करें तो मैं आपको बता दूं कि–

आप सेंसेक्स में पैसा निवेश नहीं कर सकते लेकिन निफ्टी में पैसा इन्वेस्ट कर सकते हैं जिसके लिए आप Nifty bees ETF यानी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड खरीद सकते हैं।

उम्मीद करता हूं अब आप समझ गए होंगे कि सेंसेक्स क्या होता है (Sensex meaning in hindi) चलिए अब देख लेते हैं कि सेंसेक्स में कौन-कौन सी कंपनियां आती हैं–

सेंसेक्स में कौन कौन सी कंपनी है (Sensex Stock List in Hindi)

सेंसेक्स की कंपनियां | Sensex Share List 2023 in Hindi

  1. Reliance
  2. TCS
  3. HDFC Bank
  4. Infosys
  5. HUL
  6. ICICI Bank
  7. HDFC
  8. SBI
  9. ITC
  10. Bharti Airtel
  11. LIC India
  12. Bajaj Finance
  13. Kotak Mahindra
  14. HCL Tech
  15. Larsen
  16. Axis Bank
  17. Maruti Suzuki
  18. Asian Paints
  19. Sun Pharma
  20. Avenue Supermarket
  21. Wipro
  22. Titan Company
  23. Bajaj Finserv
  24. UltraTech Cement
  25. Nestle
  26. ONGC
  27. Adani Enterprises
  28. Adani Total Gas
  29. JSW Steel
  30. M&M

Sensex Meaning in Hindi FAQ’s

सेंसेक्स का हिंदी अर्थ क्या होता है?

सेंसेक्स का हिंदी में अर्थ है सेंसिटिव सूचकांक। मतलब सेंसेक्स शेयर मार्केट का एक Benchmark index है जो शेयर बाजार का हाल-चाल दर्शाता है।

सेंसेक्स में कितनी कंपनी आती है?

बीएसई 30 यानी सेंसेक्स में इंडिया की टॉप 30 कंपनी आती है। देश की 30 सबसे बड़ी कंपनियों से मिलकर Sensex index बनता है।

सेंसेक्स में निवेश कैसे करें?

आप सेंसेक्स में पैसा निवेश नहीं कर सकते लेकिन Nifty bees इटीएफ (ETF) यानी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड खरीदकर भी निफ्टी index में पैसा इन्वेस्ट कर सकते हैं।

सेंसेक्स में सबसे अच्छी कंपनी कौन सी है?

रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), एचडीएफसी बैंक, इंफोसिस और हिंदुस्तान युनिलीवर सेंसेक्स की सबसे अच्छी अच्छी कंपनी हैं। यह सभी बड़ी लार्ज कैप कंपनियां हैं जो ब्लू चिप स्टॉक्स की कैटेगरी में आती है।

सेंसेक्स में किस स्टॉक का वेटेज सबसे ज्यादा है?

सेंसेक्स में रिलायंस इंडस्ट्रीज कंपनी के शेयर का वेटेज (10%) सबसे ज्यादा है। इसके बाद टीसीएस, एचडीएफसी बैंक और हिंदुस्तान युनिलीवर आते हैं।

शेयर और सेंसेक्स में क्या अंतर है?

शेयर और सेंसेक्स में सबसे बड़ा अंतर यह है कि शेयर किसी कंपनी का हिस्सा होता है जबकि सेंसेक्स कई शेयरों से मिलकर बना हुआ इंडेक्स है। शेयर को आप ब्रोकर ऐप के जरिए सीधा खरीद सकते हैं जबकि सेंसेक्स को ऑप्शन ट्रेडिंग या ETF के जरिये खरीदा जा सकता है।

क्या सेंसेक्स में निवेश करना सुरक्षित है?

जी हां सेंसेक्स में पैसा निवेश करना बिल्कुल सुरक्षित है क्योंकि आप सेंसेक्स में इन्वेस्ट करके इंडिया की इकोनॉमी में पैसा लगाते हैं। मतलब हमारे देश की अर्थव्यवस्था की ग्रोथ होने से Sensex की भी ग्रोथ होती है और हम सब जानते हैं कि इंडिया एक growing economy हैं इसीलिए Sensex में निवेश करना पूरी तरह से safe है।

सेंसेक्स कौन चलाता है?

सेंसेक्स को शेयर बाजार के निवेशक चलाते हैं मतलब खरीदार और विक्रेता सेंसेक्स का भाव ऊपर नीचे करते रहते हैं। अगर आज मार्केट में खरीददार ज्यादा है सेंसेक्स कुछ अंक ऊपर चला जाता है और अगर मार्केट में विक्रेता ज्यादा है तो सेंसेक्स नीचे चला जाएगा।

Conclusion of ‘Sensex Meaning in Hindi’

मुझे उम्मीद है आपको यह जानकारी सेंसेक्स का क्या अर्थ है (Sensex meaning in hindi), जरूर उपयोगी लगी होगी. इसे पढ़ने के बाद आप शेयर बाजार में सेंसेक्स क्या है यह समझ चुके होंगे.

इस आर्टिकल को लिखने का हमारा मकसद था आप को यह समझाना कि सेंसेक्स का मतलब क्या होता है मुझे आशा है हम आपको यह समझाने में सफल रहे होंगे। लेकिन अगर आपके मन में SENSEX से संबंधित कोई भी सवाल है तो कमेंट करके अवश्य पूछे।

अगर आपके मन में Sensex kya hota hai (What is Sensex in Hindi) इस पोस्ट से रिलेटेड कोई doubts है तो नीचे कमेंट में पूछ सकते हैं.

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