ट्रेडिंग क्या है? प्रैक्टिकल उदाहरण के द्वारा समझें (Trading Meaning in Hindi)

आजकल हम देखते हैं कि लोग शेयर मार्केट में ऑनलाइन ट्रेडिंग करके लाखों रुपए कमा रहे हैं। ऐसे में हमारे मन में भी सवाल आता है कि आखिर Trading kya hai और इससे पैसे कैसे कमाए जाते हैं?

ट्रेडिंग क्या है और कैसे करते हैं?

अगर आप भी ट्रेडिंग करके खूब सारा पैसा कमाना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं क्योंकि आज मैं आपको इस आर्टिकल में ट्रेडिंग के बारे में पूरी जानकारी देने वाला हूं जैसे– शेयर मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है और नए लोग ट्रेडिंग कैसे सीखें, ट्रेडिंग कैसे करते हैं, यह कितने प्रकार की होती हैं, शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करके पैसे कैसे कमाए आदि।

इसके अलावा मैं आपको ट्रेडिंग से संबंधित कुछ जरूरी बातें भी बताऊंगा। मैं वादा करता हूं अगर आपने इस आर्टिकल को अंत तक पूरा पढ़ लिया तो आपके मन में Trading से संबंधित कोई भी डाउट नहीं रहेगा।

आइए सबसे पहले जानते हैं–

इस पोस्ट में आप जानेंगे-

ट्रेडिंग क्या होती है?

What is trading in hindi

ट्रेडिंग वह प्रक्रिया है जिसमें मुनाफा कमाने के लिए वस्तुओं और सेवाओं की खरीद बिक्री की जाती है। ट्रेडिंग करने वाले लोगों को Traders कहा जाता है। ट्रेडिंग का मकसद चीजों को कम दाम में खरीदना और अधिक दाम में बेचकर प्रॉफिट कमाना होता है।

Trading Meaning in Hindi

  • ट्रेडिंग का अर्थ होता है ‘व्यापार’ मतलब लोग बाजार से लाभ कमाने के लिए चीजों को एक जगह से दूसरी जगह ट्रेड करते हैं। आजकल online Stock trading काफी प्रचलन में है क्योंकि इससे लोग शेयर मार्केट में ट्रेड करके दिन का लाखों रुपए कमा रहे हैं।

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग क्या है? (What is trading in share market in hindi)

  • शेयर मार्केट में ट्रेडिंग का मतलब है शेयर को खरीदना और बेचना. स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग दो प्रकार की होती है शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग और लोंग टर्म ट्रेडिंग. अधिकतर ट्रेडर्स शेयर बाजार से जल्दी प्रॉफिट कमाने के लिए इंट्राडे और ऑप्शन ट्रेडिंग करते हैं।

ट्रेडिंग का उदाहरण (Example of Trading in Hindi)

आजकल ट्रेडिंग हर व्यापार में होती है चाहे वह ऑनलाइन हो या ऑफलाइन। ट्रेडिंग में खरीदार और विक्रेता दोनों ही प्रॉफिट कमाना चाहते हैं।

अगर हम शेयर मार्केट में ट्रेडिंग का उदाहरण देखें तो हमारा मकसद शेयर को कम दाम में share buy करके अधिक दाम में बेचकर profit कमाना होता है।

याद रखिएऑनलाइन ट्रेडिंग केवल शेयर मार्केट में ही नहीं बल्कि कमोडिटी मार्केट और Forex मार्केट में भी होती है। कमोडिटी मार्केट में Gold, Silver, Crude oil आदि commodities की ट्रेडिंग की जाती है जबकि Forex market में currencies जैसे; Rupees, doller, pound आदि की trading की जाती है।

अब यह तो बात हो गई ऑनलाइन ट्रेडिंग की… अब जरा ऑफलाइन ट्रेडिंग की भी बात कर लेते हैं–

Example of Trading in hindi: अगर ट्रेडिंग को समझने के लिए सब्जी मंडी का उदाहरण देखें. सब्जी मंडी से खरीदार कम दाम में सब्जी खरीद कर लाता है और उसे अधिक दाम में sell करता है और इस तरह वह profit कमा लेता है।

ठीक इसी प्रकार कपड़ों के बिजनेस में भी दुकानदार wholesale में इकट्ठा माल सस्ते में खरीद कर लाता है और फिर customers को महंगे दामों पर बेचता है, इसे ही ट्रेडिंग कहते है ।

NOTE: दोस्तों मैं इस पोस्ट में अधिकतर Stock Trading के बारे में ही बात करूंगा क्योंकि मैं जानता हूं आप लोगों का इंटरेस्ट भी ऑफलाइन ट्रेडिंग से ज्यादा online trading सीखने में है। और इस ब्लॉग पर भी मैं सिर्फ शेयर मार्केट के बारे में ही बात करता हूं इसीलिए आगे मैं केवल Stock market trading के बारे में ही बात करूंगा ना कि ऑफलाइन ट्रेडिंग के बारे में. इसलिए यह बात मैंने आप लोगों को पहले ही क्लियर कर दी।

अब तक आपने जाना ‘Trading kya hoti hai‘ अब आगे जानते हैं कि–

ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? (Types of trading in hindi)

ऑनलाइन ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है

ट्रेडिंग दो प्रकार की होती है– शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग और लोंग टर्म ट्रेडिंग. Short term trading के अंतर्गत इंट्राडे, स्विंग और ऑप्शन ट्रेडिंग आती है जबकि long term trading में डिलीवरी और पोजीशनल ट्रेडिंग आती है। इसके अलावा स्काल्पिंग ट्रेडिंग, एल्गो ट्रेडिंग, मार्जिन ट्रेडिंग, और मूहूर्त ट्रेडिंग भी Share market trading के ही प्रकार हैं।

इन सभी में ये 3 ट्रेडिंग सबसे ज्यादा पॉपुलर हैं–

  1. Intraday Trading
  2. Swing Trading
  3. Option Trading

इनके बारे में हम नीचे विस्तार से बात करने वाले हैं। लेकिन उससे पहले बाकी बची हुई ट्रेडिंग के बारे में आपको शार्ट में बता देता हूं.

ट्रेडिंग के प्रकार (Trading kitne prakar ki hoti hai)

Long Term Trading– इसके अंतर्गत डिलीवरी और पोजीशनल ट्रेडिंग आती है. डिलीवरी ट्रेडिंग में आप शेयर को डिलीवरी में खरीदते हैं और पोजीशनल ट्रेडिंग में किसी पर्टिकुलर stock में शॉर्ट टर्म या लोंग टर्म के लिए अपनी पोजीशन होल्ड करते हैं।

आप कुछ लोग सोच रहे होंगे कि डिलीवरी ट्रेडिंग का मतलब तो investing ही हुआ ना, तो फिर मैं इसे ट्रेडिंग क्यों कह रहा हूं… जी हां आपका कहना सही है यह इन्वेस्टिंग ही है लेकिन long term में आप शेर को कभी ना कभी तो बेचेंगे ही और शेयर को खरीदना और बेचना ही ट्रेडिंग कहलाता है इसलिए आप investing को long term trading भी बोल सकते हैं।

Scalping Trading– ‘scalping’ का हिंदी अर्थ होता है कालाबाजारी मतलब ऐसी ट्रेडिंग जिसमें शेयर बाजार के नियमों से हटकर ट्रेडिंग की जाती है उसे ‘scalp trading’ कहा जाता है।

इसका मतलब है कि जिस तरह स्टॉक मार्केट में शेयर को खरीद कर फिर उसके बढ़ने की आशा की जाती है लेकिन scalping trading में ऐसा कुछ नहीं होता क्योंकि इसमें लोग तुरंत प्रॉफिट बुक करते हैं।

  • यह short-term के अंतर्गत आती है जिसमें केवल कुछ मिनटों में ही शेयर को बेचकर Profit कमा लिया जाता है। आपको बता दें कि यह इंट्राडे ट्रेडिंग से थोड़ी अलग है।

👉स्काल्पिंग ट्रेडिंग की पूरी जानकारी (हिंदी में)

Algo Trading–Algo trading में लोगों की जरूरत नहीं होती है बल्कि कंप्यूटर्स में कुछ algorithms और software के द्वारा automatic ट्रेडिंग की जाती है.

Margin Trading– जब भी आप अपने ब्रोकर के द्वारा किसी पार्टिकुलर stock में आप मार्जिन लेकर ट्रेडिंग करते हैं तो उसे मार्जिन ट्रेडिंग या leverage trading भी बोला जाता है।

Margin का मतलब होता है ऐसा पैसा जो आपने दिया नहीं है बल्कि आपका ब्रोकर आपको ट्रेडिंग करने के लिए दे रहा है.

Margin trading की facility आजकल लगभग हर broking apps में दी जाती है। इनमें आपको 20% से लेकर 80% तक मार्जिन मिलता है।

  • लेकिन याद रहे मार्जिन ट्रेडिंग में Risk भी ज्यादा होता है क्योंकि अगर आपका loss होता है तो broker आप पर भारी charges भी लगा सकता है। इसीलिए मार्जिन ट्रेडिंग केवल तभी करें जब आपको अपनी ट्रेड पर पूरा विश्वास हो।

Muhurat Trading: जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है किसी शुभ मुहूर्त पर की जाने वाली trading को मुहूर्त ट्रेडिंग कहते हैं. यह अधिकतर दिवाली के मौके पर की जाती है जिसमे किसी निश्चित शुभ समय के दौरान इस ट्रेडिंग को किया जाता है।

आइए अब बताते हैं आपको trading के उन प्रकारों के बारे में जो सबसे ज्यादा पॉपुलर है–

1. इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)

एक ही दिन में शेयर को खरीदने और बेचने वाले ट्रेडिंग को ‘इंट्राडे ट्रेडिंग‘ कहते हैं. इसमें आपको उसी दिन शेयर को buy और sell करना पड़ता है।

अगर आपने intraday में शेयर खरीदा है और शेयर बाजार बंद होने से पहले यानी 3:30 बजे से पहले आप अपने उस दिन खरीदे हुए शेयर नहीं बेचते हैं तो आपका broker अपने आप ही आपकी position ‘square off’ कर देता है मतलब उस दिन खरीदे हुए आपके सारे शेयर बेच देता है। साथ ही आपको कुछ extra charges भी देने पड़ते हैं क्योंकि आप बाजार बंद होने से पहले अपने शेयर नहीं बेच पाए।

इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए चार्ट पेटर्न्स को समझना बहुत जरूरी होता है। चार्ट पर अगली कैंडल (candle) कौन सी बनेगी, हर एक इंट्राडे ट्रेडर्स ही predict करने की कोशिश करता है।

  • इंट्राडे ट्रेडिंग में अधिकतर 1 मिनट, 5 मिनट और 15 मिनट के chart पर ट्रेडिंग की जाती है।
  • इंट्राडे ट्रेडिंग में कंपनियों पर research करना जरूरी नहीं होता है बस आपको technical analysis की थोड़ी बहुत नॉलेज होनी चाहिए।
  • डिलीवरी की अपेक्षा आपको intraday में मार्जिन बहुत अच्छा मिलता है लेकिन इसमें risk भी ज्यादा है।
  • एक intraday trader प्रॉफिट कमाने के लिए बहुत सारे चार्ट पेटर्न्स, सपोर्ट रेजिस्टेंस, टारगेट, स्टॉप लॉस, मूविंग एवरेज और कई प्रकार के ट्रेडिंग सेटअप के द्वारा ट्रेड करता है।
  • इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको फंडामेंटल मजबूत शेयर ढूंढने की जरूरत नहीं होती बल्कि आप किसी भी घटिया फंडामेंटल वाले स्टॉक में ट्रेडिंग कर सकते हैं बस उसमें वॉल्यूम अच्छा होना चाहिए।
  • कहा जाता है कि इंट्राडे ट्रेडिंग में नुकसान होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है जोकि सच भी है लेकिन अगर आप समझदारी से stop-loss लगाकर ट्रेड करते हैं, trading psychology को समझते हैं और intraday trading strategies फॉलो करके ट्रेड करते हैं तो आप अपने नुकसान को कम कर सकते हो और प्रॉफिट को बढ़ा सकते हैं।

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2. स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)

कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों में शेयर को खरीदने बेचने वाली ट्रेडिंग ही ‘स्विंग ट्रेडिंग‘ कहलाती है। मतलब swing ट्रेडिंग में अधिकतर लोग 5% से लेकर 20% profit होने पर अपने खरीदे हुए शेयर को sell कर देते हैं फिर चाहे उसमें 1 हफ्ता लगे या 1 महीना, यह मायने नहीं रखता।

  • स्विंग ट्रेडिंग intraday trading की अपेक्षा अधिक safe मानी जाती है क्योंकि इसमें share को उसी दिन बेचना जरूरी नहीं होता।
  • Swing trading से अधिक प्रॉफिट कमाने के लिए आपको Nifty next 50 वाले stocks में पैसा invest करना चाहिए क्योंकि इन कंपनियों में वॉल्यूम भी अच्छा होता है और फंडामेंटल भी अच्छे होते हैं।
  • इंट्राडे की अपेक्षा swing trading में आपको फंडामेंटली stable कंपनी चुनना पड़ती है क्योंकि आप अपना प्रॉफिट कुछ ही मिनट हो या घंटों में नहीं बल्कि कुछ दिनों यहां तो में कमाना चाहते हैं और आप अधिक Risk भी नहीं लेना चाहते हैं।
  • Swing trading में support और resistance बहुत महत्वपूर्ण होते हैं और इन्हीं के द्वारा आप लाभ कमाते हैं।
  • बहुत सारे स्टॉक्स ऐसे हैं जो लगातार अपने सपोर्ट और रेजिस्टेंस के बीच ही ट्रेड करते रहते हैं ऐसे stocks में पोजीशन बनाकर आप स्विंग ट्रेडिंग से अच्छा पैसा कमा सकते हैं।
  • कुछ लोग swing trading के द्वारा stocks में breakout और breakeven होने पर भी अच्छा पैसा कमाते हैं। किसी भी शेयर के चार्ट में ब्रेक आउट होने का मतलब है कि उसने अपना पिछला सपोर्ट या रेजिस्टेंस तोड़ दिया है मतलब share अपने पिछले प्राइस से बहुत ज्यादा ऊपर या बहुत ज्यादा नीचे चला गया है.

👉स्विंग ट्रेडिंग क्या है (पूरी जानकारी विस्तार से)

इंट्राडे और स्विंग ट्रेडिंग को समझने के बाद अब बात करते हैं option trading के बारे में–

3. ऑप्शन ट्रेडिंग (Option Trading)

कॉल और पुट ऑप्शंस को खरीदने और बेचने वाली ट्रेडिंग को ही ऑप्शन ट्रेडिंग कहते हैं। कॉल ऑप्शन को खरीदने का मतलब है कि आप शेयर मार्केट पर bullish है और पुट ऑप्शन को खरीदने का मतलब है कि आप bearish हैं।

  • ऑप्शन ट्रेडिंग सबसे ज्यादा रिस्की मानी जाती है इसमें आपको कुछ ही मिनटों में लाखों रुपए का प्रॉफिट और कुछ ही मिनटों में लाखों रुपए का नुकसान भी हो सकता है क्योंकि ऑप्शन ट्रेडिंग चार्ट पर प्रीमियम के प्राइस बहुत तेजी से ऊपर नीचे होते हैं।
  • ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए आपको बहुत ही कम पैसों की जरूरत होती है यहां तक कि आप 100 रुपये से भी option trading की शुरुआत कर सकते हैं।
  • इसमें आप दो तरह से पैसा कमा सकते हैं option buying करके और option selling करके।
  • आपको बता दूं कि शेयर मार्केट में 80% option buyers है जबकि केवल 20% option sellers हैं। इसका कारण यह है कि option buying में आप 100-200 रुपये से भी शुरुआत कर सकते हैं जबकि ऑप्शन सेलिंग में आपको लाखों रुपए की जरूरत होती है।
  • यह भी जान लें कि 75% option sellers पैसा कमाते हैं जबकि केवल 25% option buyers ही पैसा कमा पाते हैं। इसका कारण यह है कि option sellers के पास पैसा बहुत ज्यादा होता है जबकि option buyer कुछ ही पैसों से ट्रेड करता है और जितने भी नए लोग होते हैं वह option buying ही करते हैं इसलिए उन्हें नुकसान होता है।
  • ऑप्शन ट्रेडिंग में option seller पैसा इसलिए कमाता है क्योंकि वह अधिक पैसे देकर कम प्रॉफिट करता है जबकि option buyer नुकसान इसीलिए करता है क्योंकि वह कम पैसे देकर अधिक प्रॉफिट की आशा करता है।
  • मैं आपको बताना चाहता हूं कि ऑप्शन ट्रेडिंग करते समय हमेशा stop loss लगा कर रखें वरना आपका लाखों रुपए कुछ ही मिनटों में साफ हो सकता है।
  • इसमें आपको अपनी रिस्क मैनेजमेंट के हिसाब से ही trade करना चाहिए।

दोस्तों मैं आपको बताना चाहता हूं कि ऑप्शन ट्रेडिंग को बिना सीखे कभी मत करें क्योंकि ऐसा करने से हो सकता है कि आप शॉर्ट टर्म में थोड़ा बहुत पैसा कमा लें लेकिन long term में आपको नुकसान ही होगा।

NOTEमैं एक बात और आपसे कहना चाहता हूं कि जिंदगी में कभी भी Loan लेकर option trading कभी मत करना क्योंकि ऐसा करने से बहुत सारे लोग already बर्बाद हो चुके हैं। इसीलिए पहले इसे अच्छे से सीख ले, समझ ले, ट्रेडिंग साइकोलॉजी पर पकड़ बना लें, इसके सारे बेसिक नियमों को जान लें उसके बाद ही थोड़ा- थोड़ा पैसा लगाकर शुरुआत करें।

अब तक आपने जाना कि trading kya hai और types of trading in hindi आइए अब जानते हैं कि शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कैसे काम करती है

ट्रेडिंग कैसे काम करती है? (How Trading works in hindi)

ट्रेडिंग क्या है और कैसे काम करती है?

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग buyers और sellers के शेयर खरीदने और बेचने के आधार पर काम करती है। stock market trading में डिमांड और सप्लाई नियम काम करता है. जिस स्टॉक की डिमांड अधिक होती है उसका प्राइस बढ़ने लगता है और जिस stock की डिमांड कम होती है उसकी कीमत घटने लगती है.

ट्रेडिंग किस तरीके से काम करती हैं यह समझने के लिए आपको trading volume को समझना आवश्यक है।

अगर आज किसी स्टॉक में buying volume ज्यादा है और selling वॉल्यूम कम तो जाहिर सी बात है शेयर ऊपर जाएगा और अगर situation इसके विपरीत है तो शेयर नीचे जाएगा।

इसके अलावा ट्रेडिंग में शेयर की कीमत कैसे ऊपर नीचे होती है इसे समझने के लिए Bid और Ask price पर नजर रखें. Bid price का मतलब होता है कि buyer किस प्राइस पर शेयर खरीदने को तैयार है और Ask price का मतलब है कि seller किस प्राइस पर शेयर बेचने को तैयार है।

आपको इतना पता होना चाहिए कि किसी भी स्टॉक में ट्रेडिंग तब तक संभव नहीं है जब तक bid और ask price मैच ना कर जाए। इसका मतलब यह है कि जब तक खरीदार विक्रेता के मूल्य पर शेयर खरीदने को तैयार नहीं हो जाता तब तक उस स्टॉक में ट्रेडिंग नहीं हो सकती।

और यही कारण है कि कुछ stocks में बहुत देर तक trading नहीं होती है क्योंकि उनमें number of buyers और sellers बहुत कम है। इसीलिए ऐसे stocks में अगर कोई बड़ी quantity खरीद ले उस स्टॉक का प्राइस अचानक बहुत तेजी से बढ़ने लगता है और फिर वह शेयर news में आने लगता है।

आपने ऐसा कई बार न्यूज़ में देखा होगा कि जो कोई FII यानी विदेशी निवेशक किसी शेयर में खरीदारी करता है तो उस शेयर में बहुत सारे लोग पैसा लगाने लगते हैं जिससे कुछ ही दिनों में उस शेयर का बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और फिर कुछ दिनों बाद लगातार नीचे आने लगता है।

लेकिन इन सबके बीच swing trader अच्छा पैसा कमाते हैं क्योंकि उन्हें फायदा तभी होता है जब किसी स्टॉक में movement हो रही हो। अभी के लिए आप बस इतना समझ लीजिए कि अगर किसी शेयर में buyers strong हैं तो वह ऊपर जाएगा और अगर sellers strong हैं तो वह शेयर नीचे जाएगा।

ट्रेडिंग में क्या-क्या आता है?

ट्रेडिंग के अंतर्गत टेक्निकल एनालिसिस की सभी चीजें आती है जैसे– चार्ट पेटर्न्स, मूविंग एवरेज, सपोर्ट रेजिस्टेंस, इंडिकेटर्स, वॉल्यूम, प्राइस एक्शन, पुट कॉल रेश्यो आदि।

अगर इन सभी चीजों को एक-एक करके देखा जाए तो trading एक बहुत बड़ा क्षेत्र है जिसमें काफी चीजें समाहित हैं।

उदाहरण के लिए: अगर हम चार्ट पेटर्न्स देखें तो तरह-तरह की chart patterns होते हैं जिन्हें सीखने में आपको हफ्तों से लेकर महीने लग सकते हैं।

इसी प्रकार indicators भी कई प्रकार के होते हैं जिसमें RSI इंडिकेटर मेरा फेवरेट है। इसके अलावा मूविंग एवरेज भी अलग-अलग तरह के होते हैं।

कैंडलस्टिक चार्ट pattern को देखा जाए तो इसमें भी तरह-तरह की candle होती हैं और हर कैंडल का अलग मतलब होता है।

इस प्रकार अगर देखा जाए तो ट्रेडिंग में बहुत सारी चीजें होती है लेकिन ट्रेडिंग में सफल होने के लिए आपको किसी एक चीज पर मजबूत पकड़ बनानी पड़ती है।

Also Read–

  • Chart Patterns in hindi (सभी शेयर मार्केट ट्रेडिंग चार्ट पेटर्न के बारे में उदाहरण सहित पूरी जानकारी)
  • Candlestick Chart Patterns in Hindi (22 बेस्ट कैंडलेस्टिक पेटर्न उदाहरण सहित पूरी जानकारी

अब तक आप सीख चुके हैं कि ट्रेडिंग क्या होती है, कितने प्रकार की होती है, कैसे काम करती है और ट्रेडिंग में क्या-क्या आता है, अब जानते हैं कि शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कैसे की जाती है―

ट्रेडिंग कैसे करें? (Share market me trading kaise kare)

ट्रेडिंग का काम कैसे करें

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले आपको किसी ब्रोकर के पास डिमैट अकाउंट खुलवाना पड़ता है. इसके बाद आपको अपने ट्रेडिंग अकाउंट में पैसा ऐड करना पड़ता है. फिर आप किसी भी stock को चुनकर उसमें ट्रेडिंग करना शुरू कर सकते हैं।

शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए Zerodha और Upstox best discount broker apps हैं। दोस्तों मैं भी upstox के द्वारा ही stocks में ट्रेडिंग करता हूं।

अगर आप stock market में ऑप्शन ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो पहले आपको अपने डिमैट अकाउंट में जाकर F&O यानी future and option सेगमेंट को activate करना पड़ता है। उसके बाद ही आप options में trading कर सकते हैं।

अब यह आपके ऊपर है कि आप इंट्राडे ट्रेडिंग करना चाहते हैं, स्विंग ट्रेडिंग करना चाहते हैं या फिर ऑप्शन ट्रेडिंग. उसी के हिसाब से आपको अपनी trading strategy तैयार करनी होगी।

ट्रेडिंग करते समय क्या सोचना चाहिए?

ट्रेडिंग साइकोलॉजी क्या रखना चाहिए

शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते समय इन बातों को सोचना चाहिए–

  1. ट्रेडिंग करते समय आपको अपने mindset पर कंट्रोल करना बहुत जरूरी है।
  2. आप पहले ही decide कर लें कि आपको आज दिन में कितनी बार ट्रेड करना है और आप कितना maximum loss ले सकते हैं।
  3. जब आप पूरी तरह से trading करने के तैयार हो तब ट्रेडिंग करना start करें।
  4. कभी भी ज्यादा दुखी या ज्यादा खुश होकर ट्रेडिंग मत करें।
  5. Trading में साइकोलॉजी बहुत महत्वपूर्ण होती है मतलब मान अगर आपको किसी दिन लगातार 3 ट्रेड में Loss हुआ तो आप चौथी बार भी ट्रेड करेंगे क्योंकि आपको अपने नुकसान की भरपाई करनी है ऐसी साइकोलॉजी बहुत सारे लोगों की होती है जिसके चक्कर में वह फ्रस्ट्रेशन के चलते अपना दुगुना नुकसान कर बैठते हैं
  6. अगर आपको लगातार loss हो रहा है तो आपको उस दिन कुछ समय के लिए ट्रेडिंग बंद कर देनी चाहिए।
  7. इसी प्रकार का अगर कोई शेयर लगातार ऊपर जा रहा है तो अपनी खरीदी गई कुछ क्वांटिटी sell दें और जब वह और ऊपर जाने लगे तो अपनी बची हुई क्वांटिटी भी sell करके प्रॉफिट बुक कर लें।
    कुछ लोग होते हैं जो share के और बढ़ने का इंतजार करते हैं जबकि जब अचानक से नीचे आ जाता है तो बाद में पछताते हैं।
  8. आपको इस प्रकार का mindset रखना चाहिए कि अगर कोई शेयर खरीदे गए price से 10% ऊपर चला जाता है तो आप उसे कभी भी loss में नहीं बेचेंगे।

आइये अब जानते हैं कि नए लोग ट्रेडिंग कैसे सीख सकते हैं–

ट्रेडिंग कैसे सीखें? (How to learn stock trading in hindi)

ट्रेडिंग कैसे सीखे?

ट्रेडिंग सीखने के लिए आपको टेक्निकल एनालिसिस सीखना होगा, कैंडलस्टिक चार्ट पेटर्न्स और प्राइस एक्शन समझना होगा। इसके अलावा ट्रेडिंग सीखने के लिए आप ऑनलाइन ट्रेडिंग कोर्स और ट्रेडिंग बुक्स भी पढ़कर भी सीख सकते हैं।

1. ट्रेडिंग की बुक्स पढ़ें

स्टॉक मार्केट में कई सारी ट्रेडिंग की किताबें उपलब्ध हैं। लेकिन किसी भी बुक को खरीदने से पहले यह डिसाइड करने की आप किस प्रकार की trading करना चाहते हैं ऑप्शन ट्रेडिंग इंट्राडे ट्रेडिंग या कोई और। इसके बाद उस किताब के बारे में इंटरनेट पर ऑनलाइन रेटिंग और रिंकू जरूर चेक करें।

2. पेपर ट्रेडिंग की प्रैक्टिस करें

अगर आप शुरुआत में risk नहीं लेना चाहते तो आप पेपर ट्रेडिंग से शुरुआत कर सकते हैं। पेपर ट्रेडिंग करने का मतलब होता है कि आप लाइव मार्केट देखकर पेपर पर शेयर प्राइस के buying और selling level, सपोर्ट रेजिस्टेंस और अमाउंट भी लिखते चले लिखते चलें।

फिर कुछ समय बाद चेक करिए कि आपको profit हुआ है या loss. जब आपको पेपर पर 10 में से 7 बार प्रॉफिट होने लगे तो आप लाइव मार्केट में trade कर सकते हैं।

कुछ लोगों का कहना है कि पेपर ट्रेडिंग में आपकी साइकोलॉजी सही तरीके से काम नहीं करती है जो भी कुछ हद तक सही है लेकिन पेपर पर ट्रेड करने से आप केवल प्रैक्टिस कर रहे हैं जिसमें आपका कुछ नहीं जाता और मेरा मानना है कि अगर आप पेपर पर ही बार-बार loss कर रहे हैं तो live market में तो आप केवल नुकसान ही करेंगे।

3. ऑनलाइन ट्रेडिंग कोर्स करके सीखें

इंटरनेट को बहुत सारे ऑनलाइन ट्रेडिंग कोर्स उपलब्ध हैं लेकिन किसी भी कोर्स को लेने से पहले उसकी रेटिंग और रिसीव जरूर चेक कर लें। मैं तो कहता हूं कि आप ऑनलाइन कोर्स लेने के बजाय यूट्यूब चैनल्स के द्वारा फ्री में stock trading की वीडियोस देखें क्योंकि आजकल तो फ्री में इतना सारा कंटेंट इंटरनेट पर उपलब्ध है कि आप जो चाहे वह सीख सकते हैं।

ट्रेडिंग के नियम (Rules of Trading in hindi)

शेयर मार्केट ट्रेडिंग में सफलता पाने के लिए नीचे दिए गए नियम जरूर फॉलो करें–

  1. शेयर बाजार में कभी भी Loan लेकर ट्रेडिंग मत करें क्योंकि ऐसा करने से आप बहुत बड़ी मुसीबत में फंस सकते हैं।
  2. Trading में success पाने के लिए पहले आपको इसे सीखना होगा, जो लोग बनाना सीखे ट्रेडिंग करेंगे वह कभी भी सफल ट्रेडर नहीं बन सकते।
  3. ट्रेडिंग करते समय ब्रोकिंग ऐप में कितने ब्रोकरेज और चार्जेस लगते हैं यह जरूर पता कर लें।
    किसी भी शेयर को सिर्फ उसका प्राइस बढ़ता हुआ देखकर मत खरीदें क्योंकि हो सकता है कि उसे ऑपरेटर द्वारा बेवजह बढ़ाया जा रहा हो।
  4. कभी भी अपना पूरा पैसा एक साथ ना ना लगाएं और ऑप्शन ट्रेडिंग में तो बिल्कुल भी नहीं.
    ट्रेडिंग करते समय हमेशा stop loss लगाकर रखें.
  5. ज्यादा लालच मत करें पहले से ही अपना माइंडसेट clear रखें कि 10% या 20% प्रॉफिट होने पर आप exit कर देंगे।
  6. Discipline के साथ चैटिंग करें जो नियम आपने सेट कर दिए हैं उन्हें फॉलो करें।
  7. पहले ही तय कर लें कि आपको किस लेवल पर entry लेनी है और किस लेवल पर exit लेना है।

Also Read: ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम (ऑप्शन ट्रेडिंग करती हो तो यह 10 नियम हमेशा याद रखना)

ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमाए? (Trading se paise kaise kamaye)

ट्रेडिंग से पैसे कमाने के तरीके

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग से पैसे कमाने के लिए आपको सस्ते दाम में शेयर खरीदकर महंगे दाम में बेचना पड़ता है। अगर आप किसी भी stock के प्राइस की मूवमेंट को पहले से प्रोडक्ट करवाते हैं तो आप ट्रेडिंग से बहुत अच्छा पैसा कमा सकते हैं।

Buying price और selling price के बीच का अंतर ही आपका profit या loss होता है और सारा खेल खरीदने और बेचने का ही है।

अगर आप किसी शेयर को उसकी इंटरिंसिक वैल्यू से कम पर खरीदते हैं तो आप के नुकसान के चांसेस बहुत कम हो जाते हैं लेकिन ट्रेडिंग में शेयर की intrinsic उतनी मायने नहीं रखती है क्योंकि इसका काम अधिकतर उन लोगों को होती है जो वैल्यू इन्वेस्टिंग करते हैं।

जैसा कि मैंने ऊपर ही बताया था कि अगर आप चार्ट पर अगली कैंडल predict कर लेते हैं तो ट्रेडिंग से आप बहुत पैसा कमा सकते हैं।

मैं जानता हूं कि 100% accuracy के साथ कोई भी chart predict नहीं कर सकता लेकिन स्टॉक मार्केट में बहुत सारे ऐसे ट्रेडर हैं जो 70-80% accuracy के साथ chart prediction कर लेते हैं।

ऐसा वह इसीलिए कर पाते हैं क्योंकि इसके पीछे उनकी सालों की मेहनत ट्रेडिंग का अनुभव होता है। अगर आप भी लगातार प्रैक्टिस करेंगे तो धीरे-धीरे आप भी chart prediction में expert बनते जाएंगे।

ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान

नीचे मैंने आपको ट्रेडिंग के कुछ फायदे और नुकसान के बारे में बताया है–

ट्रेडिंग के फायदे क्या है? (Advantages of trading in hindi)

  • ट्रेडिंग करके आप कम समय में ज्यादा पैसा कमा सकते हैं।
  • ट्रेडिंग सीखने के लिए आपको किसी प्रोफेशनल degree की जरूरत नहीं होती है।
  • बहुत सारे ऑनलाइन trading software हैं जिनमें आपको नकली cash दिया जाता है उससे आप लाइव मार्केट में ट्रेडिंग की प्रैक्टिस कर सकते हैं।
  • Trading में आपका नुकसान केवल उतना ही है जितना आप capital लगा रहे हैं जबकि प्रॉफिट अनलिमिटेड है।
  • ट्रेडिंग करने के लिए आपको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं होती है। आप घर बैठे अपने मोबाइल से ट्रेडिंग करके दिन का लाखों रुपए कमा सकते हैं

ट्रेडिंग के नुकसान क्या है? (Disadvantages of trading in hindi)

  • अगर आपने ट्रेडिंग करते समय स्टॉपलॉस नहीं लगाया तो आपका लाखों रुपए का कैपिटल कुछ ही समय में zero हो सकता है।
  • अगर आप margin लेकर ट्रेडिंग करते हैं तो तो आपका risk और भी ज्यादा बढ़ जाता है।
  • कुछ लोग ब्रोकिंग चार्जेस को अच्छे से नहीं समझते हैं जिससे के बार उन्हें जितने रुपए का प्रॉफिट होता है उतना तो उन्हें चार्जेस ही देने पड़ते हैं।
  • ट्रेडिंग का यह सच है कि जितने लोग इसमें पैसे कमाते हैं उससे कई गुना ज्यादा लोग नुकसान करते हैं जिसका कारण है बिना सीखे ट्रेडिंग करना।

ट्रेडिंग करने से पहले क्या ध्यान रखें?

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करते समय आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए–

1. News के आधार पर ट्रेडिंग करते समय सतर्क रहें–

बहुत सारे लोग news के आधार पर ट्रेडिंग करते हैं मतलब जब किसी स्टॉक में अच्छी news आती है तो उसे खरीद लेते हैं। फिर जब कुछ समय बाद उसी news के चलते बहुत सारे लोग उसी share में निवेश करने लगते हैं तो उसका शेयर प्राइस बढ़ जाता है और तब वह आपने शेयर बेचकर प्रॉफिट कमा लेते हैं।

बहुत सारे लोग news के आधार पर ट्रेडिंग करके खूब पैसा कमाते हैं। लेकर आपको पता होना चाहिए कि स्टॉक मार्केट में झूठी खबरें बहुत तेजी से फैलती हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से घटिया कंपनियों का प्रमोशन किया जाता है जिसमें छोटे रिटेल निवेशक फस जाते हैं और ऑपरेटर आपका पूरा पैसा लेकर भाग जाते हैं।

2. सर्किट लगने वाले स्टॉक्स में ट्रेडिंग मत करें

सर्किट अधिकतर पेनी स्टॉक्स में ही लगते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं– Upper circuit और Lower circuit

ऐसे शेयरों को ऑपरेटर्स कंट्रोल करते हैं जो अचानक से किसी भी शेयर का प्राइस बढ़ा देते हैं

फिर जब छोटे इन्वेस्टर्स उसमें निवेश करने लगते हैं तो उसका शेयर प्राइस बढ़ेंगे लगता है और जब शेयर प्राइस हाई लेवल पर पहुंच जाता है तो फिर ऑपरेटर्स अपने सारे शेयर बेच देते हैं जिससे उस stock में उसमें lower सर्किट लगना शुरू जाते हैं जिसकी वजह से कोई भी investors अपने शेयर नहीं बेच पाता है और आप उस शेयर में फंस जाते हैं। इसे pump and dump scheme भी बोला जाता है।

ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग में क्या अंतर है?

  1. ट्रेडिंग में आपको टेक्निकल एनालिसिस पर फोकस करना पड़ता है जबकि इन्वेस्टिंग में फंडामेंटल एनालिसिस पर।
  2. ट्रेडिंग करते समय प्राइस एक्शन और चार्ट देखना महत्वपूर्ण होता है जबकि investing में कंपनी का बिजनेस मॉडल देखना जरूरी होता है।
  3. ट्रेडिंग में stock की price history चेक करना पड़ता है जबकि इन्वेस्ट में कंपनी का पास्ट परफॉर्मेंस।
  4. Trading से short term में पैसा कमाया जाता है जबकि investing से long term में

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FAQ’s About Trading in Hindi

नए लोग ट्रेडिंग कैसे सीखें?

नए लोग ट्रेडिंग सीखने के लिए पहले अपने basics क्लियर करें। टेक्निकल एनालिसिस पर ध्यान दें और चार्ट पेटर्न्स पढ़ना सीखें, अलग-अलग तरह की कैंडलेस्टिक चार्ट के बारे में सीखें। इसके अलावा ट्रेडिंग सीखने के लिए आप मूविंग एवरेज सपोर्ट, रेजिस्टेंस और प्राइस एक्शन के बारे में भी सीख सकते हैं।

ट्रेडिंग में एक्सपर्ट कैसे बने?

शेयर मार्केट ट्रेडिंग में एक्सपर्ट बनने के लिए आपको लगातार प्रेक्टिस करना होगा दूसरा कोई उपाय नहीं है। आप कितना ज्यादा ट्रेडिंग की प्रैक्टिस करेंगे आपका अनुभव उतना ही ज्यादा बढ़ता जाएगा और एक दिन आप सफल ट्रेडर जरूर बनेंगे।

शुरुआती लोगों के लिए सबसे अच्छी ट्रेडिंग कौन सी है?

अगर आप एक शुरुआती ट्रेडर है तो आप स्विंग ट्रेडिंग से शुरुआत कर सकते हैं क्योंकि स्विंग ट्रेडिंग में रिस्क बहुत कम होता है इसीलिए नए लोगों के लिए स्विंग ट्रेडिंग सबसे अच्छी मानी जाती है।

 Conclusion

दोस्तों इस पोस्ट में मैंने आपको share market में trading kya hoti hai इसके बारे में पूरी जानकारी विस्तार से देने की कोशिश की है। आशा करता हूं अब आप समझ चुके होंगे कि ट्रेडिंग क्या होती है, कितने प्रकार की होती है, ट्रेडिंग कैसे काम करती है और ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमाए जाते हैं।

अगर आपका इस पोस्ट से जुड़ा हुआ अभी भी कोई सवाल है तो नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर पूछें।

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