IEX Share News in Hindi ― IEX की सभी लेटेस्ट खबरें हिंदी में पढ़िए.

IEX Share News In HindiIEX शेयर से जुड़ी सभी लेटेस्ट खबरें हिंदी में पढ़िए सिर्फ इसी पेज पर, IEX के समाचार और अपडेट, इंडियन एनर्जी एक्सचेंज शेयर की हर छोटी बड़ी खबर हिंदी में.

IEX यानी इंडियन एनर्जी एक्सचेंज एक डिजिटल इलेक्ट्रिसिटी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है जिसकी मदद से कंपनियां इलेक्ट्रिसिटी खरीद और बेच सकती हैं। इलेक्ट्रिसिटी को खरीदने और बेचने के लिए IEX इन कंपनियों से कुछ ट्रांजैक्शन फीस लेती है जिसके द्वारा IEX कंपनी पैसा कमाती हैं।

यह कंपनी फिजिकली रूप से इलेक्ट्रिसिटी, रिन्यूएबल एनर्जी और सर्टिफिकेट वितरित करने के लिए ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के रूप में जानी जाती है। अभी Iex ना केवल इंडिया बल्कि दक्षिण एशिया के अन्य भौगोलिक क्षेत्रों की विद्युत और ऊर्जा संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करने की दिशा में भी काम कर रहा है।

इंडियन एनर्जी एक्सचेंज से जुड़ी लेटेस्ट न्यूज़ हमारी टीम समय-समय पर इस पेज पर news अपडेट करती रहती है इसीलिए इस पेज को आप चाहो तो बुकमार्क कर सकते हैं.

शेयर का नामइंडियन एनर्जी एक्सचेंज (IEX
सेक्टर ( इंडस्ट्री )पावर एक्सचेंज
स्टॉक मार्केट में लिस्ट हुईअक्टूबर 2017
डेट फ्रीYES
ऑफिशियल वेबसाइटhttps://www.iexindia.com/

IEX Share News in Hindi 2022

IEX share news in hindi
IEX Share News In Hindi

आजकल IEX के निवेशकों के मन में एक सवाल जरूर है कि इस शेयर का भविष्य (future) क्या है?

  • क्या आपको ये शेयर और खरीदना चाहिए या अपने खरीदे गए पिछले शेयरों को बेच देना चाहिए?
  • क्या ये कंपनी अपने निवेशकों का पैसा डूबा देगी या फिर मल्टीबैगर रिटर्न देकर उनका पैसा कई गुना कर देगी।

आईए IEX शेयर से जुड़ी सभी खबरों को एक-एक करके जानते हैं―

IEX Latest News Today in Hindi

अभी आप देखेंगे तो IEX के शेयर प्राइस में लगातार गिरावट हो रही है और इस गिरावट के माहौल में ये शेयर पहले ही अपने All time high से 50% गिर चुका है।

देखा जाए तो यह गिरावट निफ़्टी सेंसेक्स में हो रही गिरावट से काफी ज्यादा है ऐसा इसलिए है क्योंकि iex अभी एक mid कैप कंपनी की कैटेगरी में आता है जिसमें इतनी गिरावट होना आम बात है क्योंकि returns भी उतनी ही तेजी से मिलते हैं।

Iex में हुई इस गिरावट का जिम्मेदार इन्वेस्टर्स इसका High वैल्यूएशन और नई कंपनियों के इस सेक्टर में entry को मानते हैं।

यानी कि एनर्जी ट्रेडिंग मार्केट में इसके नए competitors एंटर कर सकते हैं जो इसकी मोनोपोली को खत्म कर सकते हैं।

तो अब एक बहुत बड़ा सवाल यह आता है कि क्या आपको IEX स्टॉक को buy करना चाहिए, होल्ड करना चाहिए या फिर बेच देना चाहिए?

आइए विस्तार से जानते हैं―

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इस शेयर के निवेशक अभी फिलहाल दो चीजों को लेकर परेशान हैं―

  1. पहला इसका इतना महंगा वैल्यूएशन और दूसरा
  2. नए कंपीटीटर्स जो इसकी मोनोपली खत्म कर सकते हैं।

यह दोनों ही कारण एकदम valid हैं क्योंकि अभी 50% गिरने के बाद भी इस शेयर का Price to Earning रेश्यो अभी 50 के आसपास है.

और इसके साथ साथ आपने न्यूज़ में यह भी पढ़ा होगा कि जो एनर्जी एक्सचेंज का बिजनेस है जिसको पहले गवर्नमेंट कंट्रोल करता था उसमें अभी वो कुछ ऐसे रेगुलेशंस लाने वाले हैं जिनसे प्राइवेट प्लेयर्स इस बिजनेस में काफी हद तक पार्टिसिपेट कर सकते हैं।

देखा जाए तो ये दोनों ही कारण valid हैं लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि iex एक खराब कंपनी है।

ऐसा मैं क्यों बोल रहा हूं ये जानने के लिए आपको इन दोनों कारणों को विस्तार से समझना होगा तो आइए जानते हैं―

IEX Share Price Target News in Hindi

पहला कारण था शेयर का PE वैल्यूएशन 50 है यानी कि बहुत महंगा है लेकिन ऐसा नहीं है..

क्योंकि आपको कोई भी शेयर कितना महंगा है या सस्ता यह उस इंडस्ट्री का PE देखकर जज करना चाहिए नाकि किसी भी अकेले शेयर को देखकर।

मतलब आपको यह देखना चाहिए कि कोई शेयर जिस इंडस्ट्री में काम करता है उस इंडस्ट्री का एवरेज PE Ratio कितना है.

और फिर अगर उस एवरेज PE से शेयर का PE ज्यादा है तो यह माना जाता है कि शेयर महंगा है या overvalued है.

ठीक इसी प्रकार अगर इंडस्ट्री के एवरेज PE से शेयर का PE कम है तो यह माना जाता है कि शेयर सस्ता है या undervalued है.

  • जैसे― ज्यादातर Retail सेक्टर की कंपनियों काफी ज्यादा ही होता है जैसे― Dmart (150 या 200 के आसपास) और वहीं मेटल्स वाली कंपनियों का प्राइस टू अर्निंग रेश्यो बहुत कम रहता है जैसे― Tata Steel, SAIL (5 से भी कम)

अब समझिए शेयर का PE कम या ज्यादा होता कैसे है?

बिजनेस ग्रोथ वाली कंपनियां अपना PE रेश्यो आसानी से मेंटेन कर पाते हैं जबकि स्लो ग्रोथ वाली कंपनियां ज्यादा नेट प्रॉफिट या सेल्स नहीं दिखा पाती हैं जिसके कारण Long term में उनका शेयर प्राइस ग्रो नहीं करता है क्योंकि अगर इन्वेस्टर उस शेयर को खरीदेंगे तो शेयर प्राइस बढ़ जाएगा लेकिन कंपनी का नेट प्रॉफिट उतना ही रहने से उसका PE valuation अपने आप ही महंगा हो जाएगा।

क्योंकि Pe रेश्यो का फार्मूला होता है―

PE Ratio = एक शेयर की कीमत / EPS यानी Earning Per Share

उदाहरण― मान लो किसी कंपनी का शेयर प्राइस ₹100, EPS 1 है (तो PE रेश्यो 100/1 = 100 होगा)

लेकिन इंडस्ट्री का पीई तकरीबन 60 के आसपास रहता है तो उस शेयर को ओवरवैल्यूड यानी मंहगा माना जाएगा ( इसीलिए उस शेयर के निवेशक 60 के PE valuation को जस्टिफाई करने के लिए उस शेयर को बेचने लगते हैं जिससे शेयर प्राइस कम होने लगता है और जब शेयर की कीमत 60 rs हो जाती है तो शेयर का यह प्राइस अपनी अपनी वैल्यूएशन को जस्टिफाई करता है)

क्योंकि तब 60 /1 = 60 PE होगा और इंडस्ट्री का पीई भी 60 ही था.

लेकिन अगर इसी दौरान कंपनी ने अच्छी ग्रोथ दिखाइ और अपने Earnings को डबल कर दिया तब EPS 1 से बढ़कर 2 हो जाएगा और इस तरह 60/2 = 30 Pe रेश्यो हो जाएगा

और तब कहा जाएगा कि शेयर सस्ता हो चुका है और फिर इन्वेस्टर्स उसे खरीदना चालू करेंगे जिससे धीरे-धीरे शेयर की कीमतें बढ़ने लगेंगे (और अब EPS ‘2’ हो जाने से शेयर प्राइस को 120 Rs तक जाना होगा क्योंकि 120/2 = 60 (जोकि इंडस्ट्री का pe है) और वही उसका फेयर वैल्यूएशन होगा।

और IEX तो लगातार ग्रोथ दिखाने वाली कंपनी है जो कि अपना नेट प्रॉफिट साल दर साल बढाते ही जा रही है और आप चाहे तो मनीकंट्रोल या screener जैसी वेबसाइट पर जाकर IEX की सेल्स और प्रॉफिट हिस्ट्री उसकी बैलेंस शीट पढ़कर देख सकते हैं।

  • हां यह सच है कि अभी कुछ समय पहले पावर क्राइसिस की वजह से IEX शेयर की डिमांड काफी बढ़ गई थी जिससे अचानक से शेयर का प्राइस काफी बढ़ने लगा था जिससे PE valuation काफी high हो गया।

लेकिन अब यह stock 50% से ज्यादा की गिरावट दिखा चुका है जोकि इसके फेयर वैल्यूएशन के काफी करीब आ चुकी है. और अब आगे भी यह stock इसी तरह अच्छी ग्रोथ दिखाता रहा तो डेफिनेटली IEX शेयर प्राइस future में बढ़ने वाला है।

मैं आशा करता हूं IEX के over-valuation को लेकर आपके मन में जो डाउट था वह क्लियर हो चुका होगा।

अब IEX शेयर को लेकर आप के दूसरे सबसे बड़े डाउट को भी क्लियर कर देते हैं―

IEX Stock Analysis News in Hindi Today

निवेशकों को डर है कि एनर्जी एक्सचेंज मार्केट में दूसरी कंपनियां आ जाएंगे तो वह IEX की मोनोपोली को खत्म कर देंगी, लेकिन क्या यह सच है…

आइए समझते हैं―

इस पॉइंट को समझने के लिए आपको IEX का बिजनेस मॉडल समझना होगा.

IEX Business Model In Hindi

इलेक्ट्रिसिटी बिजनेस में 2 मुख्य प्लेयर्स होते हैं―

  1. GENCOS (Electricity Generators)
  2. DISCOMS (Electricity Transmitors & Distributors)

GENCOS― यह वह कंपनियां होती है जो इलेक्ट्रिसिटी जनरेट करती हैं यानी पावर प्लांट्स लगाते हैं, सोलर फॉर्म बिल्ड करती हैं या wind मिल्स आदि तैयार करती हैं जैसे― टाटा पावर, अदानी पावर, NTPC, JSW Energy, पावरग्रिड आदि।

DISCOMS― यह कुछ ऐसी कंपनियां होती हैं जो GENCOS के द्वारा बनाई गई इलेक्ट्रिसिटी को आपके घर घर तक पहुंचाने का कार्य करती हैं। ये DISCOM कंपनियां अधिकतर सेंट्रल गवर्नमेंट या स्टेट गवर्नमेंट के द्वारा कंट्रोल की जाती है जैसे― Gujarat Power Corp. Ltd, Uttrakhand Power Corp. Ltd, Punjab state Power Corp. Ltd आदि। यह वही कंपनी होते हैं जिनको आप तब फोन लगाते हैं जब आपके घर पर बिजली नहीं होता है।

अब आप समझ चुके होंगे कि GENCOS कंपनियां इलेक्ट्रिसिटी बेचती हैं और DISCOMS खरीदती हैं ताकि आपके घर घर तक ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन के द्वारा इलेक्ट्रिसिटी पहुंचा सकें।

और यह दोनों ही कंपनियां एनर्जी एक्सचेंज मार्केट के द्वारा इलेक्ट्रिसिटी को खरीदती और बेचती हैं।

एनर्जी एक्सचेंज मार्केट को दो भागों में बांटा गया है लोंग टर्म मार्केट और शॉर्ट टर्म मार्केट.

Long Term Market में Bulk में deals होती हैं मतलब इकट्ठा बहुत ज्यादा बिजली की खरीदारी ओर बिक्री की deals होती है. इंडिया में बनने वाली 89% बिजली इसी मार्केट में ट्रेड होती है. मार्केट में इलेक्ट्रिसिटी को एक एग्रीमेंट साइन करके बेचा जाता है जिसे पावर परचेज एग्रीमेंट यानी PPAs बोलते हैं. इसके साथ ही यहां पर इलेक्ट्रिसिटी के sales और परचेज का प्राइस फिक्स होता है।

  • उदाहरण― मान लीजिये टाटा पावर (GENCOS) कंपनी गुजरात में एक पावर प्लांट लगाना चाहती है साधारण सी बात है कि उसमें पूंजी बहुत ज्यादा लगेगी. इसलिए टाटा पावर कंपनी गुजरात पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी DISCOM के साथ पावर परचेज एग्रीमेंट (PPA) साइन कर लेती है जिसके तहत अगले 15 सालों तक हर महीने टाटा पावर कंपनी डिस्कॉम (DISCOM) को इलेक्ट्रिसिटी देती रहेगी जिसका प्राइस फिक्स रहेगा और वह PPA में लिखा होगा।
  • इस PPA को साइन करने से टाटा पावर को एक तसल्ली मिलेगी कि अगर वह इतना पैसा पावर प्लांट खोलने में लगा रहे हैं तो उन्हें पावर प्लांट खुल जाने के बाद PPA के तहत जो इलेक्ट्रिसिटी बेचेंगे उसका पैसा तो मिलता ही रहेगा। और ऐसे ही बहुत सारे PPA अगर टाटा पावर साइन कर लेता है तो इनका बिजनेस बढ़ने लगता है।

तो अब तक आपने समझा कि इस प्रकार लॉन्ग टर्म मार्केट और पावर परचेज एग्रीमेंट काम करते हैं।

अप शार्ट टर्म मार्केट के बारे में जानते हैं जिसमें IEX कंपनी काम करती है―

Short Term Market में शॉर्ट टर्म deals होती है। इंडिया में बनने वाली केवल 11% बिजली ही short term market में मार्केट में ट्रेड होती है. और इस 11% में से 6% इलेक्ट्रिसिटी ही पावर एक्सचेंज पर ट्रेड होती है।

इसी 6% के छोटे से मार्केट में इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (IEX) काम करता है।

और इस 6% के छोटे से मार्केट में IEX एक मोनोपोली कंपनी है जोकि 92% मार्केट शेयर कंट्रोल करता है। मतलब टोटल 6% के मार्केट की 5.52% इलेक्ट्रिसिटी तो IEX के प्लेटफार्म पर ही ट्रेड होती हैं।

अब क्योंकि गवर्नमेंट इस सेक्टर कुछ हद तक कंट्रोल करता है इसलिए उनके द्वारा बनाए गए रेगुलेशंस के मुताबिक नई प्लेयर्स इस मार्केट में एंट्री कर सकते हैं और इन्वेस्टर्स को चिंता है कि वह इंडियन एनर्जी एक्सचेंज की मोनोपोली को खत्म कर सकते हैं।

लेकिन क्या साथ में दूसरे प्लेयर्स के आने से IEX की मोनोपली खत्म हो सकती है? 🤔

मुझे ऐसा नहीं लगता क्योंकि अगर ऐसा होना होता तो अभी तक हो जाता.

ऐसा मैं इसलिए बोल रहा हूं क्योंकि IEX अभी पावर एक्सचेंज मार्केट में अकेला प्लेयर नहीं है बल्कि एक और कंपनी भी इसी सेक्टर में काम करती है जिसका नाम है PXIL.

आप खुद सोच कर देखिए जहां सरकार ने अभी तक केवल दो कंपनियों को ही इस सेक्टर में काम करने की अनुमति दी थी इसके बावजूद भी IEX के कंपैरिजन में दूसरी कंपनी का दूर-दूर तक कहीं अता पता नहीं है।

इसका मतलब IEX का बिजनेस काफी मजबूत है और बहुत सारे फैक्टर्स है जिसके कारण यह कंपनी भविष्य में भी अपने मोनोपोली को बनाए रख सकती है।

आइये सभी फैक्टर्स एक- एक करके जान लेते हैं―

  • अभी पावर एक्सचेंज का मार्केट सिर्फ 6% का है जबकि वहीं दूसरे देशों में इस मार्किट का साइज 30% से 80% है और अब इंडिया में भी पावर डिमांड बढ़ने से यह मार्केट काफी बड़ा हो सकता है। क्योंकि शार्ट टर्म मार्केट में प्राइसिंग अच्छी मिलती है इसलिए इसमें खरीदारी ज्यादा बढ़ेगी और जैसे जैसे वॉल्यूम बढ़ेगा वैसे वैसे इस मार्केट का साइज भी बढ़ेगा।
  • Discoms 25 साल के लॉन्ग टाइम कॉन्ट्रैक्ट के बाद PPA से Exit कर सकते हैं।
  • भविष्य में 2025 तक इंडिया का Per capita Electricity cunsumption लगभग 37% तक बढ़ने वाला है तो IEX का ट्रेडिंग वॉल्यूम बढ़ेगा और कंपनी को फायदा होगा।
  • कंपनी के पास ऑपरेटिंग लेवरेज है मतलब इसमें कैपिटल ज्यादा लगाने की जरूरत नहीं होती है यह कंपनी पावर सेक्टर में काम करते हैं लेकिन इसमें गुण IT कंपनी के हैं क्योंकि IEX एक डिजिटल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है इसीलिए इसको चलाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर कॉस्ट बिल्कुल ना के बराबर है और यही कारण है कि इस कंपनी के ऑपरेटिंग मार्जन बहुत ज्यादा है।
  • इसकी एक Subdidiary कंपनी भी है ― IGX ( इंडियन गैस एक्सचेंज) जो नेचुरल गैस की ट्रेडिंग करता है. और जैसे-जैसे इंडिया में नेचुरल गैस का cunsumption बढ़ेगा तो IEX को फायदा होगा।

Indian Energy Exchange News in Hindi 2022

इस कंपनी के संबंधित लोगों के मन में कुछ सवाल रहते हैं जिनके जवाब हमने नीचे दिए हैं―

क्या IEX (इंडियन एनर्जी एक्सचेंज) एक सरकारी कंपनी है?

  • इंडियन एनर्जी एक्सचेंज यानी IEX एक सरकारी कंपनी नहीं है लेकिन गवर्नमेंट काफी हद तक इस सेक्टर को रेगुलेट करती है इसलिए उन्होंने हाल ही में कुछ ऐसे रेगुलेशंस लाए हैं जिसके तहत उन्होंने नए प्राइवेट प्लेयर्स को भी इस सेक्टर में आने की दिए है। इसे CERC ( सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमिशन) के द्वारा रेगुलेट किया जाता है।

IEX कंपनी का मालिक कौन है?

  • श्री सत्यनारायण गोयल IEX के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर है। इस कंपनी की शुरुआत जनवरी 2008 में 63 Moon टेक्नोलॉजी कंपनी के द्वारा लांच किया गया था।

IEX की मार्केट कैप कितनी है?

  • 14 हज़ार करोड़ के आसपास (यानी कि यह एक मिडकैप कंपनी है)

IEX के शेयरहोल्डर्स कौन- कौन है?

  • Iex को Public 53% , FIIs 27%, और DIIs लगभग 20% शेयरहोल्डर्स इक्विटी के मालिक हैं।

क्या IEX एक Debt Free (कर्ज मुक्त) कंपनी है?

  • जी हां इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (IEX) एक Debt Free कंपनी है.

IEX के कंपीटीटर्स कौन-कौन है?

  • इसके कंपटीशन में फिलहाल एक ही कंपनी है ― PXIL (पावर एक्सचेंज इंडिया लिमिटेड)

IEX कंपनी NSE या BSE स्टॉक एक्सचेंज पर कब लिस्ट हुई थी यानी कि इसका IPO कब आया था?

  • IEX का IPO अक्टूबर 2017 में आया था जब ये कम्पनी पहली बार स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हुई थी।

IEX की ऑफिशियल वेबसाइट क्या है?

अगर आपके मन में इस कंपनी से संबंधित कोई और सवाल है तो हमसे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।

IEX Latest News Update Today in Hindi

जैसे ही मार्केट कंडीशन नॉर्मल होंगी तो IEX का शेयर भी तेजी दिखायेगा क्योंकि कंपनी ने अच्छा परफॉर्मेंस दिखाया तो शेयर प्राइस भी तेजी से ऊपर जाएगा और इन्वेस्टर्स को फायदा होगा।

इसकी बैलेंस शीट ओर फंडामेंटल काफी मजबूत है और कंपनी भी डेट फ्री है इसलिए अगर आपको कंपनी के बिजनेस पर भरोसा है तो आप इस शेयर को खरीद सकते हैं या होल्ड कर सकते हैं।

IEX Bonus News in Hindi

कंपनी पहले ही अपने शेयर होल्डर को बोनस दे चुकी है इसलिए अभी फिलहाल में तो बोनस से संबंधित कोई न्यूज़ नहीं है लेकिन जब भी कोई अपडेट आएगा तो इस पेज पर उपलब्ध करा दिया जाएगा।

IEX stock split, bonus, dividend न्यूज़

अगर इंडियन एनर्जी एक्सचेंज की तरफ से बोनस, stock split या डिविडेंड से संबंधित कोई ऑफिशियल खबर आती है तो इस पेज पर हम उसे अपडेट कर देंगे।

IEX Share Price News in Hindi

IEX का शेयर प्राइस फ्यूचर में कितना ऊपर जाएगा यह सवाल हर एक इन्वेस्टर के मन में है क्योंकि पिछले साल इस कंपनी के शेयर प्राइस में जो उछाल देखी गई उसने सभी इन्वेस्टर्स का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया।

अभी आप यह सोच सकते हैं कि इस शेयर में गिरावट होना आम बात है क्योंकि पूरा मार्केट ही नीचे जा रहा है और चूंकि यह एक मिडकैप कंपनी है इसीलिए मार्केट fall के समय 40 से 50% गिरना आम बात है.

और जब मार्केट बाउंसबैक करता है तो ये कंपनियां उतनी ही तेजी से ऊपर भी जाती है और शेयर प्राइस लार्ज कैप कंपनियों की तुलना में कई गुना तेजी से रिटर्न देता है।

क्योंकि हर कंपनी में Risk और Reward दोनों ही साथ साथ चलते हैं।

IEX कंपनी पैसा कैसे कमाती है?

हम पहले ही एनर्जी एक्सचेंज मार्केट का बिजनेस मॉडल डिस्कस कर चुके हैं।

  • IEX का 90% revenue ट्रांजैक्शन फीस के द्वारा आता है.
  • लगभग 6800 से ज्यादा पार्टिसिपेंट ट्रेड करते हैं ये लोग थर्मल एनर्जी, ग्रीन एनर्जी, रिन्यूएबल एनर्जी सर्टिफिकेट और एनर्जी सेविंग सर्टिफिकेट ठीक ट्रेडिंग करते है और हर ट्रेड पर IEX कुछ फीस चार्ज करती है जिसके द्वारा यह कंपनी पैसे कमाती हैं।

अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि ये अलग-अलग एनर्जी और सर्टिफिकेट खरीदता कौन होगा?

तो बहुत सारी कंपनियां होती है जो एनर्जी परचेज करती हैं जैसे― टेक्सटाइल, मेटल्स, फूड प्रोसेसिंग, सीमेंट, सेरेमिक, केमिकल्स, ऑटोमोबाइल्स, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, housing, इंस्टीट्यूशनल और रियल एस्टेट वाली कंपनियां IEX पावर एक्सचेंज से इलेक्ट्रिसिटी खरीदते हैं।

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IEX का शेयर प्राइस भविष्य में कितना बढ़ सकता है?

शेयर प्राइस कितना बढ़ेगा यह कंपनी के परफॉर्मेंस पर निर्भर करता है। अगर कंपनी का बिजनेस अच्छा चलता रहा तो आपका पैसा कई गुना हो सकता है।

IEX शेयर में पैसा निवेश करना चाहिए या नहीं?

आपको पावर एक्सचेंज के बिजनेस पर भरोसा है और आपने स्पेक्टर पर अच्छे से रिसर्च की हुई है तो ही आपको इस शेयर में निवेश करना चाहिए।

क्या IEX एक मल्टीबैगर शेयर बन सकता है?

अगर कंपनी ने लगातार ग्रोथ दिखाई तो फ्यूचर में आप इस शेयर से मल्टीबैगर रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं।

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अंत में मैं बस इतना ही कहना चाहूंगा कि अगर आप लॉन्ग टाइम के लिए इस शेयर को खरीदना चाहते हैं तो IEX (इंडियन एनर्जी एक्सचेंज) एक फंडामेंटली मजबूत कंपनी है और इसकी बैलेंस शीट भी काफी मजबूत है इसलिए आप बेशक इसमें अपना पैसा निवेश कर सकते हैं।

लेकिन अगर आप शॉर्ट टर्म के लिए इस शेयर को खरीदना चाहते हैं तो कहीं ना कहीं आप अपना ही नुकसान करेंगे क्योंकि शेयर मार्केट अभी बहुत ज्यादा वोलेटाइल है इसलिए आप अगर लंबी अवधि तक निवेश कर सकते हैं तो ही इस शेयर में निवेश कीजिए।

जब बाजार में अत्यधिक तेजी और मंदी (गिरावट) का माहौल बनता है तो निवेशक अपने खरीदे हुए शेयरों के बारे में अधिक से अधिक न्यूज़ से अपडेट रहना चाहते हैं।

इसीलिए इस ब्लॉग पर हम आपको अलग-अलग शेयर की न्यूज़ से अपडेट करते रहते हैं ताकि आप अपने खरीदे गए स्टॉक्स को बेचने या होल्ड करने का निर्णय ले सकें।

इस पेज पर हम समय-समय पर IEX Share News in Hindi से आपको अपडेट करते रहते हैं. इंडियन एनर्जी एक्सचेंज की लेटेस्ट न्यूज़ पढ़ते रहने के लिए आप इस पेज को बुकमार्क कर सकते हैं।

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